‘आदिवासी समाज का जिक्र’, देश के नाम राष्ट्रपति के 32 मिनट के भाषण की बड़ी बातें

देश में सोमवार को धूमधाम से आजादी की 75वीं सालगिरह यानी आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav) मनाया जाएगा. इस अवसर पर पुरानी परंपरा के अनुसार देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश को संबोधित किया. आइये जानते हैं कि क्या हैं उनके भाषण की 10 बड़ी बातें…

1. भारत हर दिन प्रगति कर रहा है
राष्ट्रपति ने कहा कि 15 अगस्त 1947 के औपनिवेशिक बेड़ियों को हमने काट दिया था. हम स्वतंत्रता सेनानियों को सादर वंदन करते है. उन्होंने कहा कि भारत की आजादी हमारे लिए उमंग और उत्थान का विषय है. भारत हर दिन प्रगति कर रहा है.

2. हमारे संघर्ष ने हमें विश्व पटल पर स्थापित किया 
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि देश में सभी को समानता का अधिकार है. भारत में लोकतंत्र की जड़ें मजबूत है. हमने गरीबी और अशिक्षा से लड़ाई लड़ी. भारत में आत्मनिर्भर अभियान का असर दिख रहा है. हमारे संघर्ष ने हमें विश्व पटल पर स्थापित किया है.

3. 2047 तक स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को पूरा कर चुके होंगे
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि हम राष्ट्र पटल पर ऐतिहासिक रूप से आगे बढ़ रहे है. हम वर्ष 2047 तक स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को पूरा कर चुके होंगे. वो एक ऐसा भारत होगा जो अपनी संभावनाओं और सपनों को पूरा कर चुका होगा. 

4. कोरोना में जिसने योगदान दिया है, वो अतुलनीय
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि पिछले महीने हमने 200 करोड़ वैक्सीन का आंकड़ा पार किया. कोरोना में जिसने योगदान दिया है, वो अतुलनीय है. इस समय भारत दुनिया में तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था है.

5. जनता को समर्पित है आज़ादी का अमृत महोत्सव
अधिकांश लोकतांत्रिक देशों में वोट देने का अधिकार प्राप्त करने के लिए महिलाओं को लंबे समय तक संघर्ष करना पड़ा था. लेकिन हमारे गणतंत्र की शुरुआत से ही भारत ने सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार को अपनाया. इसलिए आजादी का अमृत महोत्सव भारत की जनता को समर्पित है. 

6. दांडी यात्रा की स्मृति का जीवंत रूप है आजादी का अमृत महोत्सव
 ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ मार्च 2021 में दांडी यात्रा की स्मृति को फिर से जीवंत रूप देकर शुरू किया गया. उस युगांतरकारी आंदोलन ने हमारे संघर्ष को विश्व-पटल पर स्थापित किया. उसे सम्मान देकर हमारे इस महोत्सव की शुरुआत की गई. यह महोत्सव भारत की जनता को समर्पित है.

7. पूरे देश के लिए प्रेरणा स्रोत हैं हमारे जन-जातीय महानायक
पिछले वर्ष से हर 15 नवंबर को ‘जन-जातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाने का सरकार का निर्णय स्वागत-योग्य है. हमारे जन-जातीय महानायक केवल स्थानीय या क्षेत्रीय प्रतीक नहीं हैं बल्कि वे पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं.

8. अनेक रूढ़ियों को पार करते हुए बढ़ रहीं हैं देश की महिलाएं
भारत के नए आत्म-विश्वास का स्रोत देश के युवा, किसान और सबसे बढ़कर देश की महिलाएं हैं. महिलाएं अनेक रूढ़ियों और बाधाओं को पार करते हुए आगे बढ़ रही हैं. सामाजिक और राजनीतिक प्रक्रियाओं में उनकी बढ़ती भागीदारी निर्णायक साबित होगी.

9. बेटियों पर टिकी हैं देश की बहुत सी उम्मीदें
आज हमारी पंचायती राज संस्थाओं में निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों की संख्या चौदह लाख से कहीं अधिक है. हमारे देश की बहुत सी उम्मीदें हमारी बेटियों पर टिकी हुई हैं. समुचित अवसर मिलने पर वे शानदार सफलता हासिल कर सकती हैं. हमारी बेटियां fighter-pilot से लेकर space scientist होने तक हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही हैं.

10. हमारे पास जो कुछ भी है वह हमारी मातृभूमि का दिया हुआ
हमारे पास जो कुछ भी है वह हमारी मातृभूमि का दिया हुआ है. इसलिए हमें अपने देश की सुरक्षा, प्रगति और समृद्धि के लिए अपना सब कुछ अर्पण कर देने का संकल्प लेना चाहिए. मैं भारत के सशस्त्र बलों, विदेशों में स्थित भारतीय मिशनों और अपनी मातृभूमि को गौरवान्वित करने वाले प्रवासी-भारतीयों को स्वाधीनता दिवस की बधाई देती हूं.

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