उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में देश के साथ साथ दुनिया भर से लोग आस्था की डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं. महाकुंभ का मेला 13 जनवरी से शुरू और ये 26 फरवरी तक चलेगा. ऐसे में महाकुंभ क्षेत्र में सेक्टर दो स्थित बने सेंट्रल हॉस्पिटल में अभी तक कुल 12 बच्चों का जन्म हुआ है. इन बच्चों के माता पिता में से किसी ने अपने बच्चे का नाम गंगा, किसी ने जमुना, किसी ने भोले नाथ तो किसी ने बजरंगी रखा है.
सेंट्रल हॉस्पिटल की मैटर्न रमा सिंह ने बताया कि कल रात में ही राज्य के फूलपुर के सराय चंडी से आई नेहा सिंह ने एक बेटे को जन्म दिया. उन्होंने बताया,”नेहा के पति ने अपने बेटे का नाम कुंभ रखने पर अड़े हैं. हालांकि हमने कहा कि कुंभ नाम 29 दिसंबर को जन्मे एक बच्चे का पहले ही रखा जा चुका है, लेकिन वो नहीं मानें. ऐसे में हमने इस बच्चे को कुंभ 2 का नाम दिया है.” बेटे के पिता दीपक ने बताया, मैं हरियाणा में नौकरी करता हूं और सेक्टर 18 में मेरी मां कल्पवास कर रही हैं.”
बेटी का नाम रखा बसंंती
दीपक ने कहा,” मैं उनकी सेवा के लिए मैं छुट्टी लेकर अपनी पत्नी नेहा के साथ यहां आया था. कल रात लेबर पेन होने पर मैंने एंबुलेंस को फोन लगाया और पत्नी को सेंट्रल हॉस्पिटल लाया जहां रात करीब दो बजे उसने एक लड़के को जन्म दिया. दीपक ने कहा, भले ही अस्पताल वाले मेरे बेटे का नाम कुंभ नहीं रख रहे हैं, मैं उसका नाम कुंभ ही रखूंगा क्योंकि वह इस महाकुंभ में पैदा हुआ है. रमा सिंह ने बताया कि बसंत पंचमी को रात में एक महिला ने बेटे को जन्म दिया जिसका नाम बसंत रखा गया. वहीं, इसी स्नान पर्व पर एक महिला ने बेटी को जन्म दिया जिसका नाम बसंती रखा गया.
सेंट्रल हॉस्पिटल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर मनोज कौशिक ने बताया कि सेंट्रल हॉस्पिटल में अभी तक कुल 12 बच्चों का जन्म हो चुका है. सभी बच्चे नॉर्मल डिलीवरी से कराए गए. डॉक्टर ने बताया कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों जैसे जहांगीराबाद (बाराबंकी), चित्रकूट, कौशांबी और कई प्रदेशों जैसे झारखंड, मध्य प्रदेश आदि की महिलाओं ने बच्चों को जन्म दिया है.
कुंभ मेले में जन्में बच्चों के रखे गए ये नाम
रमा सिंह बताया कि बहुत सी महिलाएं प्रसव की तिथि नजदीक होने के बावजूद मेले में इस आस्था के साथ आती हैं कि कुंभ मेले में जन्मा बच्चा भाग्यशाली होगा. उन्होंने कहा कि एक महिला मध्य प्रदेश के ग्वालियर से आई थी और जैसे ही वह घाट पर स्नान के लिए पहुंची, उसे प्रसव पीड़ा शुरू हो गई और परिजनों ने तत्काल एंबुलेंस को फोन कर इसकी जानकारी दी. महिला ने अस्पताल में बेटी को जन्म दिया और बच्ची का नाम सरस्वती रखा गया. उन्होंने बताया कि इसी तरह यहां पैदा हुए बच्चों के नाम भोले नाथ, गंगा, जमुना, सरस्वती, नंदी आदि रखे गए हैं.