चीन से विवाद के बीच सरकार का बड़ा फैसला, ITBP में भर्ती किए जाएंगे 9000 जवान

चीन-भारत की सीमा पर तनाव के बीच भारत सरकार ने बुधवार को 9,000 जवानों को इंडो-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) में शामिल करने की इजाजत दे दी है। इससे भारत की चीन सीमा पर सुरक्षा और मजबूत हो सकेगी। चीन सीमा पर सुरक्षा के लिए सबसे आगे आईटीबीपी के जवान ही तैनात रहते हैं। इसके साथ ही सात नई बटालियन और एक नया सेक्टर मुख्यालय भी स्थापित करना होगा।

भर्ती का प्रस्ताव 2013-14 से पेंडिंग था
गृह विभाग के एक अफसर ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि आईटीबीपी में जवानों की भर्ती का प्रस्ताव 2013-14 से पेंडिंग था। शुरुआत में इसमें 12 नई बटालियन बनाने की बात थी, लेकिन अब इसे घटाकर सात बटालियन कर दिया गया है। वास्तविक सीमा रेखा (LAC) के साथ सीमा चौकियों और स्टेजिंग कैंपों की संख्या बढ़ाने का भी फैसला लिया गया है।

चीन की सीमा पर पिछले कुछ वर्षों में पूर्वी लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) की तरफ अक्सर दोनों देशों के जवानों में झड़पें होने की खबरें आती रहती हैं। हालांकि भारतीय सेना चीनी जवानों को देपसांग के मैदानों (Depsang Plains) और लद्दाख में चार्डिंग नल्ला (Charding Nalla) क्षेत्र में उनके कई पारंपरिक गश्त बिंदुओं तक पहुंच से रोकने में सफल रहे हैं।

जवानों की भर्ती का फैसला दिसंबर में ही ले लिया गया था
जवानों की भर्ती का यह फैसला भारत और चीनी सेनाओं के बीच पिछले साल दिसंबर में हुई झड़प के बाद लिया गया। यह झड़प अरुणाचल प्रदेश के तवांग (Tawang) क्षेत्र के यांग्टजे (Yangtze) में हुई थी। इसमें कई भारतीय जवान भी घायल हो गये थे। इस घटना के पहले और बाद में सेना प्रमुख मनोज पांडेय ने कई बार चीन-भारत सीमा की स्थिति को “स्थिर और अप्रत्याशित” बताया था।

अप्रैल 2020 के बाद से भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच कई बार आमना-सामना हो चुका है। इसकी वजह से जून 2020 में पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) की गलवान घाटी (Galwan Valley) में दोनों सेनाओं के झड़प भी हुई थी। तब से कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर बातचीत से लद्दाख के पांच फ्रिक्शन प्वाइंट्स पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच टकराव से दूरी बनाए रखने में सफलता मिली है। हालांकि, दोनों पक्ष बड़ी संख्या में सैनिकों को बनाए रखना जारी रखे हुए हैं।

पिछले साल नवंबर में सेना प्रमुख मनोज पांडेय ने संकेत किया था कि टकराव नहीं हुआ है, लेकिन लद्दाख में तनाव कम नहीं हुआ है। जहां तक चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) का सवाल है, उसमें कोई खास कमी नहीं आई है।

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