भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को भी मिले भारत रत्न- CM भगवंत मान ने उठाई मांग

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बुधवार को केन्द्र सरकार से स्वतंत्रता सेनानियों शहीद भगत सिंह और करतार सिंह सराभा को भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग की. मुख्यमंत्री मान लुधियाना से करीब 30 किलोमीटर दूर सराभा गांव में करतार सिंह सराभा की पुण्यतिथि पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. मान ने कहा कि शहीद भगत सिंह, करतार सिंह सराभा, राजगुरु, सुखदेव, लाला लाजपत राय और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों को भारत रत्न से सम्मनित करने से सम्मान का गौरव और बढ़ जाएगा.

उन्होंने केन्द्र सरकार से सराभा को राष्ट्रीय शहीद का दर्जा देने की भी मांग की. उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार इस मुद्दे को केन्द्र के समक्ष उठाएगी. मान ने कहा कि उनकी सरकार के प्रयासों से मोहाली हवाई अड्डे का नामकरण शहीद भगत सिंह के नाम पर हुआ है. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार इस आशय की अधिसूचना भी जारी कर चुकी है.

यूनिवर्सिटी के नाम शहीदों पर हों: मान
मान ने कहा कि हवाई अड्डे, विश्वविद्यालय और अन्य संस्थानों के नाम शहीदों के नाम पर रखे जाने चाहिए ताकि उनकी विरासत का संरक्षण किया जा सके. उन्होंने कहा कि सरकार जल्दी ही हलवाड़ा हवाई अड्डे के टर्मिनल भवन का निर्माण कार्य पूरा कर लेगी. उन्होंने बताया कि टर्मिनल भवन का निर्माण 161 एकड़ से ज्यादा क्षेत्र में करीब 50 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब का कर्तव्य है कि वह सराभा के दृष्टिकोण के आधार अपना निर्माण करे. तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने महज 19 साल की उम्र में 1915 में सराभा को फांसी दे दी थी. उन्होंने यह भी कहा कि सराभा गांव में स्थित सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय को प्रतिष्ठित स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा.

युवाओं के विकास की बात की
सराभा का संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा कि युवा शहीद के लिए यह सच्ची श्रद्धांजलि होगी. मान ने कहा कि उनकी सरकार राज्य में युवाओं की ऊर्जा का सही दिशा में उपयोग करने के लक्ष्य से खेलों को बढ़ावा दे रही है. उन्होंने कहा कि इसी दिशा में बृहस्पतिवार को लुधियाना में खेडां वतन पंजाब दियां का आयोजन कर रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल राज्य के ऊभरते हुए खिलाड़ियों को बढ़ावा देना और ओलंपिक के लिए उन्हें तैयार करना जरूरी है. अपने संबोधन से पहले मुख्यमंत्री मान शहीद करतार सिंह सराभा के पैतृक आवास पर गए और उन्हें पुष्पांजलि दी.

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