असम: 40 छात्रों के झुंड ने 5 महीने की प्रेगनेंट टीचर के साथ की बदसलूकी, 22 सस्पेंड

असम के डिब्रूगढ़ में 5 महीने की गभर्वती टीचर के साथ दुर्व्यवहार करने के आरोप में 22 छात्रों को स्कूल से सस्पेंड कर दिया गया है. मामला यहां के जवाहर नवोदय विद्यालय का है. जानकारी के मुताबिक, टीचर ने एक छात्र के माता-पिता से उसके खराब अकादमिक प्रदर्शन की शिकायत की थी. इसके बाद छात्रों के एक समूह ने पांच महीने की गभर्वती टीचर के साथ कथित रूप से दुर्व्यवहार किया.

जवाहर नवोदय विद्यालय के वाइस प्रिंसिपल रतीश कुमार ने बताया कि रविवार शाम को घटना घटी. उनके मुताबिक पीड़िता इतिहास की शिक्षक हैं, जिन्होंने एक छात्र के माता-पिता को शिक्षक-अभिभावक बैठक (पीटीएम) में उसके खराब शैक्षणिक प्रदर्शन की जानकारी दी थी. इसके बाद कुछ छात्रों ने समूह बनाया एक समूह बनाकर टीचर को परेशान करना शुरू कर दिया.

40 से अधिक छात्रों ने टीचर पर किया हमला
उन्होंने कहा, कुछ ने उन्हें धक्का तक दे दिया और एक छात्र ने तो उनके बाल खींचने की कोशिश की.’ कुमार के मुताबिक, कुछ अन्य महिला शिक्षकों, स्कूल कर्मियों और छात्रों ने लड़कों से टीचर को बचाया. एक स्कूल कर्मचारी ने बताया कि जब वह स्कूल परिसर से बाहर आई तो 40 से अधिक छात्रों ने उन्हें घेर लिया. कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उन्होंने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया. उनके साथ मारपीट करने की कोशिश की और धमकी भी दी.

प्रिंसिपल को भी दी धमकी, पर शिकायत दर्ज नहीं
जवाहर नवोदय विद्यालय के वाइस प्रिंसिपल रतीश कुमार ने बताया कि एक समय पर उन्होंने मुझे मारने के लिए मेरे क्वार्टर में घुसने की धमकी दी. चूंकि वे हमारे छात्र हैं इसलिए हमने पुलिस को रिपोर्ट नहीं किया. इस पूरे मामले में पुलिस ने कहा कि उन्हें घटना की जानकारी है लेकिन कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है. एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘हम घटनाक्रम पर नजर रख रहे हैं, लेकिन हस्तक्षेप नहीं कर सकते.’ बता दें कि जिले में शिक्षण संस्थानों में हिंसा या रैगिंग की यह तीसरी घटना है.

पोस्ट ग्रेजुएट छात्र ने की आत्महत्या
इससे पहले रविवार की रात डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय के एक पोस्ट ग्रेजुएट छात्र ने सीनियर्स द्वारा रैगिंग से तंग आकर आत्महत्या कर ली. डिब्रूगढ़ के पुलिस अधीक्षक श्वेतांक मिश्रा ने कहा कि आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं, इसके बाद विश्वविद्यालय के 18 छात्रों को निष्कासित कर दिया गया और तीन को गिरफ्तार किया गया था.

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