भुवनेश्वर: प्रसिद्ध लेखिका और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की बड़ी बहन गीता मेहता ने शनिवार को पद्मश्री पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया है. मेहता ने कहा कि पुरस्कार का समय संदेहास्पद है, क्योंकि आम चुनाव आने वाले हैं और यह पुरस्कार ओडिशा सरकार और उनके लिए शर्मिदगी का विषय हो सकता है. मेहता ने न्यूयार्क से एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, “मैं काफी गौरवांवित महसूस कर रही हूं कि भारत सरकार ने मुझे पद्मश्री के योग्य समझा, लेकिन मुझे दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि मुझे इसे लेने से इनकार करना होगा क्योंकि आम चुनाव होने वाले हैं और पुरस्कार देने का समय संदेहास्पद है, यह सरकार और मेरे लिए काफी शर्मिदगी भरा हो सकता है. ऐसा होता है तो मुझे काफी खेद होगा.”
मेहता को ‘विदेशी वर्ग’ में कला और साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए ‘पद्मश्री’ के लिए चुना गया था. मेहता ने कर्मा कोला (1979), राज (1989), ए रिवर सूत्रा (1993), सनेक्स एंड लैडर्स : ग्लिम्प्सेस ऑफ मार्डन इंडिया (1997) और ‘इटर्नल गणेशा : फ्रॉम बर्थ टू रिबर्थ (2006)’ जैसी किताबें लिखी हैं. वह 14 डोक्यूमेंट्रीज की या तो निर्माता या निर्देशक रही हैं. ओडिशा में इस वर्ष अप्रैल-मई के दौरान आम चुनाव और विधानसभा चुनाव दोनों होने हैं.