Afghanistan News: अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि अफगानिस्तान पर जिस तालिबान का कब्जा हुआ वह 20 साल पहले वाला तालिबान नहीं है. लेकिन कब्जे के महज 12 दिनों के भीतर कई ऐसे वाकये सामने आए हैं, जिनसे यह साबित होता है कि तालिबान पुरानी सोच वाला ही है. उसके सुधरने की बातें बिल्कुल झुठी है.
अफगानिस्तान में तुलु न्यूज़ के पत्रकार जियार खान याद पर तालिबान ने उस वक्त हमला बोला जब वह अपनी स्टोरी कर रहे थे. उनके साथ मारपीट की गई, उनका कैमरा छीन लिया गया, बंदूक के बट से पिटाई की गई. जियार खान ने सुनाई आपबीती
पत्रकार जियार खान ने मिडिया से बात करते हुए कहा- कल 10 बजकर 29 मिनट पर मैं काबुल न्यू सिटी गया था. वो लोग जो मजदूरी कर रहे हैं, जो निर्माण का काम करते हैं उनका इंटरव्यू लेने गया था. इंटव्यू के बाद मेरा कैमरामैन कुछ फुटेज ले रहा था. उस समय तालिबानी वहां आ गए और मुझ पर हमला कर दिया, मुझे मारा.
तालिबानियों ने मेरा मोबाइल, मेरा कैमरा और भी दूसरे उपकरण थे वो छीन लिया. लेकिन ऐसा लगता है कि यही हाल रहा तो पत्रकारों के हालत और बिगड़ जाएंगे.
अफगानिस्तान में बदतर हो रहे हालात
पत्रकारों के मसलों पर तालिबान की तरफ से बनाई गई कमेटी को लेकर जियार खान ने कहा- उस कमेटी के सामने ये मसला रखा गया है और कमेटी ने कहा है कि हम पता करते हैं कि जो हादसा आपके साथ हुआ उसके पीछ कौन है.
जियार खान ने आगे कहा कि पत्रकार जो अफगानिस्तान छोड़कर यूरोपियन देश और दूसरे देशों में जा रहे हैं, अभी हमारी तालिबान से यह मांग है कि पत्रकारों की आजादी के लिए एक माहौल बनाएं, ताकि हम अपना काम आसानी से कर सकें. अगर हमारे मीडिया के लिए आजादी नहीं रहेगी, तो हम मजबूर हो जाएंगे कि हम अपना काम छोड़ दें. गौरतलब है कि डेढ़ महीने पहले तालिबान ने विश्व प्रसिद्ध भारतीय फोटोग्राफर और पुलित्जर पुरस्कार विजेता दानिश सिद्दीकी की कंधार में हत्या कर दी थी