दहेज उत्पीड़नों के मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट की ओर से बड़ा फैसला दिया गया है. गिरफ्तारी से पहले दहेज प्रताड़ना की जांच के लिए सिविल सोसायटी कमेटी बनाने की गाइडलाइन को हटाया गया है . कोर्ट का कहना है कि पीड़ित महिला की सुरक्षा के लिए इस प्रकार का निर्णय काफी जरूरी है. ऐसे मामलों में गिरफ्तारी हो या नहीं यह तय करने का अधिकार पुलिस को वापस दे दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शिकायतों के निपटारे के लिए परिवार कल्याण कमिटी की जरूरत नहीं है. कोर्ट ने अपने एक पुराने फैसले में बदलाव करते हुए पति के परिवार को मिलने वाले सेफगार्ड को खत्म कर दिया है. यानी अब दहेज उत्पीड़न के मामले में पति की तुरंत गिरफ्तारी हो पाएगी. साथ ही कोर्ट ने बताया है कि पति और उसके रिश्तेदार सरंक्षण के लिए जमानत के रूप में अदालत का दरवाजा खटखटा सकता है.