दिल्ली प्रदेश काँग्रेस कमिटी अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने केजरीवाल सरकार द्वारा लॉकडाउन के दो हफ्ते से अधिक समय बीत जाने के बाद आधे अधूरे घोषणा को गरीबों मजदूरों के साथ पुन: धोखा बताया। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने पिछले 6 सालों में काँग्रेस पार्टी के माँग के बाबजूद 54 लाख से अधिक जरूरतमंदों का राशन कार्ड नहीं बनाया, आज जो घोषणा हुई है वो भी आधी अधूरी है। उन्होंने माँग किया की सभी जरूरत मंदो को नि: शुल्क राशन दिया जाए, उन्होंने कहा कि जिनके पास राशन कार्ड नहीं है उनके पास किसी भी प्रकार के सरकारी दस्तावेज़ को आधार बना कर राशन पहुँचाया जाए तथा जिनके पास कोई भी कागजात नहीं उन्हें गीला खाना राहत केंद्र के माध्यम से दिया जाए।
चौधरी अनिल कुमार ने केजरीवाल के द्वारा आज ऑटो चालक व मजदूरों के लिए की गई घोषणा को भी धोखा बताया उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने पिछले साल भी ठीक इसी प्रकार का घोषणा किया था, आज एक साल के बाद भी फौरी राहत के तौर पर की गई घोषणा नहीं पहुँचा। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि दिल्ली में रजिस्टर 5 लाख से अधिक भवन निर्माण से जुड़े मजदूरों में से 75,000 से भी कम मजदूरों को 5,000 की सहायता राशि दी गई, उन्होंने कहा कि इसके लिए भी दिल्ली सरकार ने मजदूरों के राहत कोष में जमा 32,00 करोड़ का राशि से खर्च किया, मतलब मजदूरों का पैसा उन्हें जरूरत पर नहीं मिला, जबकि सरकार का इसमें एक पैसा खर्च नहीं। यह धोखा नहीं तो क्या है?
चो. अनिल कुमार ने न्याय योजना के तर्ज़ पर 10,000 रुपये की राशि हर महीने जरूरतमंदों के खाते में देने की अपनी पुरानी माँग दोहराते हुए कहा कि रोजगार खो चुके लाखों जरूरतमंदों के खाते में दिल्ली सरकार अपने बजट से राशि दे। चो. अनिल कुमार ने कहा कि केजरीवाल द्वारा संक्रमण रोकने में हुए विफलता व अस्पतालों में नहीं की गई तैयारी का नतीजा आज दिल्ली भुगत रहा।आज दिल्ली में मरीज बेड के लिए चक्कर लगा रहे, न ऑक्सीजन मिल रहे न दवाई सभी जरूरी चीजों की काला बाजारी हो रही। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बाद जितने मजदूर अपने अपने घरों को वापस गए है उन्हें भी दिल्ली सरकार को मदद देनी चाहिए।