रविवार को रक्षाबंधन पर्व पर फरीदाबाद का 300 साल पुराना पंखा मेला बड़ी धूम धाम से मनाया गया. पुराना फरीदाबाद के पथवारी मंदिर से बैंड बाज़ा और झाकियों के साथ पूरे शहर की परिक्रमा करते हुए वापस पथवारी मंदिर पर पंखा चढ़ाया गया. पंखा मेला कमेटी हर साल इस मेले का आयोजन करती है जिसके तहत देश भर के राज्यों से गायक, बैंड बाज़ा टीम के साथ कई तरह की झाकियां को निकालते कलाकार हिस्सा लेते है. हज़ारो की तादाद में शहर की लोग मिलकर इस मेले का आयोजन करते है. इस बार इस मेले का आयोजन कुंवर ओपी भाटी की टीम ने किया. जिन्होंने मेले में आए सभी गणमान्य लोगों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया
कांग्रेस के पूर्व मंत्री रहे महेंद्र प्रताप और शारदा राठौर ने इस मेले को हरी झंडी देकर आगे बढ़ाया. इस मौके पर महेंद्र प्रताप ने पंखा मेला कमेटी को बधाई देते हुए कहा है कि “ऐसे मेले से हमे संकल्प लेना चाहिए कि हम एक है, हमारा राष्ट्र एक है और हमे अपने राष्ट्र को बटने नहीं देना है. जाति-धर्म के नाम पर हम इस देश को खंडित नहीं होने देंगे”
वहीं पलवल के कांग्रेस से करन दलाल ने मेला कमेटी को शुभकामनाये देते हुए कहा है कि जो लोग मेले में शामिल हुए है उनकी सभी मनोकामना पूरी हो और सभी सुरक्षित रहे.
आपको बता दें के यह मेला किसी भी जाति धर्म की परवाह न करते बड़े हर्षोउल्लास की साथ मनाया गया. ख़ास बात यह है कि इस पंखे को मुस्लिम कारीगरों ने बनाया. शहर के मंदिरों की परिक्रमा करते हुए पंखा मेला दरगाह, गुरुद्वारा होता हुआ हर वर्ष के तरह देवी मां के मंदिर से उठता है और बाद में यहीं मंदिर में चढ़ाया गया. किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किये गये.. मेला यात्रा मार्ग पर जगह जगह पुलिस के जवान भी तैनात थे.
माना जाता है की 300 बर्ष पहले फरीदाबाद में महामारी फ़ैली थी जिससे बचने के लिए लोगों ने माता पथवारी मंदिर पर पंखा चढ़ाया था जिसके बाद से ही यह परम्परा अब तक कायम है.