मुंबई: महाराष्ट्र में मूसलाधार बारिश ने लोगों को बुरी तरीके से प्रभावित कर दिया है. नदियों में उफान आने से गुरुवार को कोंकण रेलवे मार्ग पर ट्रेन सेवाएं प्रभावित हो गई. यहां करीब छह हजार यात्री फंस गए. भारी बारिश की वजह से मुंबई सहित राज्य के कई अन्य हिस्सों में रेल और सड़क यातायात प्रभावित हुआ है. अधिकारियों को बचाव कार्य में प्रशासन की मदद के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) बुलाना पड़ा है.
इस बीच, राज्य के कोल्हापुर जिले में भारी बारिश के चलते सड़कों के जलमग्न हो जाने पर करीब 47 गांवों का संपर्क टूट गया है और 965 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पड़ा. अधिकारियों ने बताया कि बारिश के दौरान जिले में अलग-अलग स्थानों पर एक महिला सहित दो लोग पानी में बह गए.
रत्नागिरि और रायगढ़ जिले में नदियां खतरे के निशान से ऊपर
कोंकण रेलवे मार्ग प्रभावित होने की वजह से अबतक नौ रेलगाड़ियों का मार्ग परिवर्तन किया गया है या रद्द किया गया है या उनके मार्ग को छोटा किया गया है. भारी बारिश की वजह से कोंकण क्षेत्र की प्रमुख नदियां रत्नागिरि और रायगढ़ जिले में नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं और सरकारी अमला प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने में जुटा है. मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने लगातार हो रही बारिश से इन दो तटीय जिलों में उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की है. वहीं भारत मौसम विभाग (आईएमडी) ने तटीय क्षेत्रों के लिए अगले तीन दिन तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है.
कोंकण रेलवे अधिकारियों ने बताया कि मार्ग पर व्यवधान के कारण नौ ट्रेनों के मार्ग में बदलाव किया गया, उन्हें गंतव्य से पहले रोका गया है या रद्द कर दिया गया है. ये ट्रेनें अलग-अलग स्टेशनों पर सुरक्षित स्थानों पर हैं और उनके अंदर मौजूद यात्री भी सुरक्षित हैं. उन्हें खाने-पीने का सामान मुहैया कराया जा रहा है. वहीं रत्नागिरि में चिपलून और कामठे स्टेशन के बीच वशिष्ठी नदी पुल का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है.
जगबुड़ी, वशिष्ठी, कोडावली, शस्त्री, बाव समेत रत्नागिरी जिले की प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. इसके परिणामस्वरूप खेड़, चिपलून, लांजा, राजापुर, संगमेश्वर कस्बे और आस-पास के इलाके प्रभावित हुए हैं और इन इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है.
भूस्खलन होने के बाद दो लोग लापता
एक अधिकारी ने बताया कि पश्चिमी महाराष्ट्र के सतारा जिले के वाई तहसील में गुरुवार शाम भूस्खलन होने के बाद दो लोग लापता हो गए. सतारा जिले के लोकप्रिय हिल स्टेशन महाबलेश्वर में बीते 24 घंटे में 380 मिमी बारिश हुई है, जिससे सावित्री और अन्य नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है. बारिश सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक रिकॉर्ड की गई. पूरी रात हुई बारिश की वजह से कसारा से इगतपुरी के 14 किलोमीटर लंबे पहाड़ी इलाके में छह स्थानों पर भूस्खलन और पटरी पर चट्टाने गिरने की घटनाएं होने की सूचना मिली. मुंबई से उत्तर और पूर्वी भारत रेलगाड़ियों कसारा घाट से होकर जाती हैं.
वहीं कोल्हापुर जिले में पिछले दो दिनों से लगातार बारिश से कई राज्य राजमार्गों के कुछ हिस्सों पर पानी भरने की समस्या पैदा हो गई और उसे यातायात के लिए बंद करना पड़ा. जिला आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ ने बताया कि कोल्हापुर की पंचगंगा नदी में राजाराम बांध में जलस्तर चेतावनी के स्तर को पार कर गया. तीन जिला सड़कों को बंद करना पड़ा क्योंकि इसके कई हिस्से जलमग्न हो गए. कई ग्रामीण इलाकों में पुल के ऊपर से पानी बह रहा है और ऐसे में यहां यातायात गतिविधियां बंद हैं. जिले से गुजरने वाले कुछ राज्य राजमार्ग पर भी यातायात प्रभावित है.
कुछ गांव पूरी तरह डूब गए
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने नौ बचाव दलों को महाराष्ट्र भेजा है, जिनमें से दो कोल्हापुर जिले में भेजा गया है. इनमें से बाढ़ संभावित शिरोल तहसील में बचाव या एहतियाती तौर पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम करेंगे. वहीं अन्य दल कोल्हापुर शहर में बचाव कार्य के लिए तैनात रहेगा. मुंबई के पड़ोसी ठाणे और पालघर और कोंकण के कई जिलों में गत कुछ दिनों से भारी जारी है. भीषण बारिश के कारण कई स्थानों पर पानी भर गया, कुछ स्थानों पर ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुईं और कुछ गांव पूरी तरह डूब गए.
कई नदियां कुछ स्थानों पर खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं. एनडीआरएफ की तरफ से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि उसकी चार टीमों को मुंबई, और एक-एक टीम को ठाणे और पालघर जिलों में तैनात किया गया है. एक टीम दोपहर बाद रत्नागिरि जिले के चिपलुन नगर पहुंचेगी.
ठाणे जिले के सहापुर तालुका के कुछ गांव डूब गए हैं और स्थानीय अधिकारी एनडीआरएफ की मदद से वहां फंसे सैककड़ों लोगों का निकालने की कोशिश कर रही है. जलजमाव की घटनाओं से ठाणे जिले के मुंब्रा, भिवंडी, टिटवाला और कसारा इलाकों से लोगों के फंसने की जानकारी मिली है.
वसई, विरार और पालघर में बाढ़
अधिकारियों ने बताया कि वसई, विरार और पालघर में अन्य स्थानों पर बाढ़ आई है लेकिन अब तक किसी की जान जाने की सूचना नहीं है. ठाणे जिले के कसारा और टिटवाला में भी कुछ लोग बाढ़ में फंस गए थे जिन्हें निकालकर जिला परिषद के स्कूलों में ठहराया गया है.
ठाणे के क्षेत्रीय आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के प्रमुख संतोष कदम ने बताया कि उन्हें शहर में पेड़ गिरने की मामलों की जानकारी देने के लिए 34 कॉल आए, लेकिन घटनाओं में कोई घायल नहीं हुआ. गणेश नगर में तड़के कुछ घरों में पानी घुस गया और बाद में आपदा मोचन दलों द्वारा लगभग 40 लोगों को वहां से बचाया गया.