महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित हो रहे हैं. महायुति गठबंधन बड़ी जीत की ओर बढ़ रही है, इसमें बीजेपी बड़ी जीत की ओर बढ़ चुकी है. महाराष्ट्र में बीजेपी ने देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में चुनाव लड़ा है. आज मिल रही सफलता का सारा श्रेय देवेन्द्र फडणवीस को दिया जा रहा है. देवेन्द्र फडणवीस ने महाराष्ट्र की राजनीति के इतिहास में एक नया अध्याय लिखा है. उन्होंने लगातार तीन बार बीजेपी को सबसे ज्यादा सीटें जिताते हुए लगातार तीन बार बीजेपी को सौ के पार पहुंचाया.
साल 2014 में जब फडणवीस बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष थे तब उस साल 123, 2019 में 105 और 2024 में 105 सीटें जीती थीं, ये संख्या पिछले दो चुनावों से ज्यादा हो सकती है. अब तक महाराष्ट्र का कोई भी नेता ऐसा कारनामा नहीं कर पाया है.देवेन्द्र फडणवीस एक समर्पित कार्यकर्ता के तौर पर जाने जाते हैं. साल 2014 में वह मुख्यमंत्री के पद पर कार्यरत थे, लेकिन 2019 में उद्धव ठाकरे ने धोखे से मुख्यमंत्री का पद हथिया लिया था. उन्होंने पार्टी को पुनर्जीवित किया.
देवेन्द्र फडणवीस अकेले निशाने पर
महाराष्ट्र में अपने आप में एक आक्रामक विपक्षी नेता दिखा. समीकरणों को फिर से समायोजित किया गया और सरकार लायी गई. ऐसा करते हुए उन्होंने पार्टी के आदेश पर ही उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार किया. लेकिन, सरकार ने पूरी जिम्मेदारी ली. लोकसभा में करारी हार के बाद पूरे महाराष्ट्र के कार्यकर्ता थक चुके थे. उस समय केंद्रीय नेतृत्व ने फडणवीस को सीट आवंटन से लेकर प्रचार तक के सारे अधिकार दिए थे और आज उन्होंने इस मौके का फायदा उठाया.
इन्फ्रा मैन के रूप में पहचान
इस चुनाव में महाविकास अघाड़ी की सभी पार्टियों और उनके पूरे इकोसिस्टम ने अकेले देवेन्द्र फडणवीस को निशाना बनाया, लेकिन आज के नतीजों से पता चला कि महाराष्ट्र आखिर किसके साथ है. उदारवादी और सख्त नेतृत्व शरद पवार, उद्धव ठाकरे, सुप्रिया सुले, संजय राउत ने लगातार आलोचना की. लेकिन, उन्होंने हमेशा धैर्य से जवाब दिया और अपना संतुलन कभी नहीं खोया. यह आलोचना परिवार तक भी पहुंची. नतीजों से पता चला कि युवक की पहचान एक इन्फ्रा मैन के रूप में थी और महाराष्ट्र किसमें ज्यादा रुचि रखता था