राजस्थान में बगावत से क्या कांग्रेस आलाकमान कमजोर हुआ? सर्वे में जनता ने दिया चौंकाने वाला जवाब

2024 के महाचुनाव के लिए करीब डेढ़ साल साल का वक्त रह गया है और कांग्रेस (Congress) में वक्त एक बड़ी करवट ले रहा है. करीब 24 साल बाद कांग्रेस को गांधी परिवार से बाहर कोई अध्यक्ष मिलना तय हो गया है. कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव की घोषणा से लेकर अब तक काफी हलचल रही है. इस पर देश का मूड जानने के लिए सी-वोटर ने abp न्यूज़ के लिए त्वरित सर्वे किया. 

सर्वे में सवाल किया गया कि राजस्थान में बगावत से क्या कांग्रेस आलाकमान कमजोर हुई? इस सवाल के जवाब में चौंकाने वाली बात सामने आई. सर्वे में 64 प्रतिशत लोगों ने कहा कि हां कांग्रेस आलाकमान कमजोर हुई है. वहीं 36 प्रतिशत लोगों ने कांग्रेस आलाकमान कमजोर नहीं हुई.

राजस्थान में बगावत से कांग्रेस आलाकमान कमजोर?

हां-   64%
नहीं- 36% 

क्या हुआ था राजस्थान में?

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में शामिल होने के बाद राजस्थान में मुख्यमंत्री बदलने को लेकर चर्चा शुरू हो गई थी. गहलोत के बाद सचिन पायलट को सीएम बनाने की चर्चा थी. इसको लेकर विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी. कांग्रेस ने राजस्थान प्रभारी अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे को राजस्थान भेजा था. हालांकि गहलोत समर्थक विधायक सचिन पायलट के नाम पर राजी नहीं हुए और बगावत कर दी. गहलोत समर्थक विधायकों ने स्पीकर सीपी जोशी को सामूहिक इस्तीफा तक सौंप दिया. 

पार्टी ने लिया एक्शन

विधायकों की बगावत पर अशोक गहलोत ने कहा कि विधायक उनकी भी नहीं सुन रहे हैं. इस पूरे घटनाक्रम के बाद अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को रिपोर्ट सौंपी थी. सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) विधायकों की बगावत से नाराज हुई थीं. गहलोत ने विधायकों की बगावत के बाद पार्टी अध्यक्ष से माफी भी मांगी. पार्टी ने इस बगावत पर एक्शन लेते हुए अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के तीन करीबियों- महेश जोशी, धर्मेंद्र राठौर और शांति धारीवाल को कारण बताओ नोटिस भेजा था.

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