नई दिल्ली : राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल के कश्मीर दौरे से लौटते ही वहां 10 हजार अतिरिक्त सुरक्षा बल भेजने का फैसला हुआ और कुछ जवान वहां पहुंचाए भी जा चुके हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि अतिरिक्त केंद्रीय बलों की तैनाती से कश्मीर में आतंकी नेटवर्क को ध्वस्त करने का अभियान मजबूत होगा। साथ ही, राज्य में कानून-व्यवस्था को चाक-चौबंद बनाए रखने में मदद मिलेगी।
यह पत्र गृह मंत्रालय के जम्मू कश्मीर डिविजन के मुकेश तिवारी की तरफ से लिखा गया है। इसमें कहा गया- “विद्रोह को रोकने और जम्मू कश्मीर में कानून व्यवस्था की स्थिति बहाल रखने के लिए 10 हजार अतिरिक्त केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों को तैनात किया जाएगा।”
वहीं, राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती केंद्र के इस फैसले का विरोध कर रही हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि केंद्र के फैसले ने घाटी में भय का वातावरण पैदा कर दिया है। उन्होंने लिखा, ‘घाटी में अतिरिक्त 10 हजार जवान तैनात करने का केंद्र का फैसला लोगों के मन में भय पैदा कर रहा है। कश्मीर में सुरक्षा बलों की कोई कमी नहीं है। जम्मू-कश्मीर की समस्या राजनीतिक है जिसे सैन्य संसाधनों से नहीं सुलझाया जा सकता है। भारत सरकार को दोबारा सोचने और अपनी नीति बदलने की जरूरत है।’
ये जवान घाटी में तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की करीब 65 नियमित बटालियनों और यात्रा के सुचारू संचालन के लिए तैनात अन्य बलों की 20 अन्य बटालियनों के अतिरिक्त होंगे । यात्रा 15 अगस्त को समाप्त होगी। एक बटालियन में करीब 1000 कर्मी होते हैं। अधिकारियों के अनुसार नयी तैनातियों से राज्य में विधानसभा चुनाव कराने में भी मदद मिलेगी जो किसी भी समय होने की संभावना है।