हिमाचल प्रदेश में तीन दिन की वर्षा, भूस्खलन के कारण करीब 103 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। भारी वर्षा के कारण 21 मकान व छह पशुशालाएं क्षतिग्रस्त हो गईं। प्रदेश में 301 सड़कें यातायात के लिए बंद हैं। इसके अलावा 842 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं। वहीं, 235 ट्रांसफार्मर खराब होने के कारण बिजली आपूर्ति बाधित है।
प्रदेश में भारी वर्षा के कारण हजारों लोग प्रभावित हुए हैं। वर्षा व भूस्खलन के कारण कांगड़ा जिला में 15 मकान व दो पशुशालाएं, मंडी में पांच मकान, दो पशुशालाएं, हमीरपुर में एक मकान और एक पशुशाला व ऊना जिला में एक पशुशाला को नुकसान हुआ है। रविवार देर रात से वर्षा का क्रम रुक-रुक कर जारी रहा। वर्षा के कारण कई जगह मक्की की फसल और खेत बह गए।
धर्मशाला में रविवार शाम पांच बजे से लेकर सोमवार तक 106.6 मिलीमीटर, मंडी में 56 और पांवटा साहिब में 43 मिलीमीटर वर्षा हुई। मंडी जिला में नवलाय पंचायत के साथ लगते चाहल गांव की एक महिला नाले में बह गई। 55 वर्षीय मणि देवी घर से कुछ दूर पशुशाला में गई थी। सोमवार को पुलिस व एनडीआरएफ (NDRF) की टीम ने लापता महिला को नाले के किनारे तलाश किया मगर उसका पता नहीं चला।
वहीं, बिलासपुर जिला में वर्षा से लोक निर्माण विभाग को 80 लाख रुपये व जलशक्ति विभाग को दो दिन में 40 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। जिले में कई स्थानों पर मक्की की फसल बर्बाद हो गई है और शौचालय व डंगे भी ढहे हैं। जिले में जलशक्ति विभाग की 17 योजनाएं प्रभावित हुई हैं। मौसम विभाग ने छह जिलों चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, शिमला, सिरमौर व मंडी में 27 जून को भारी वर्षा के कारण बाढ़ आने की चेतावनी जारी की है। लोगों के लिए एडवाइजरी जारी की गई है।
कालका-शिमला रेल ट्रैक पर दो दिन तक भारी वर्षा के कारण भूस्खलन होने से ठप रही सेवाएं सोमवार को बहाल हो गईं। रेल सेवा बंद रहने से पर्यटकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। शनिवार व रविवार को ट्रैक पर कई जगह भूस्खलन हुआ था। अब मलबा हटा दिया है। सोमवार सुबह करीब नौ बजे जब ट्रैक साफ हुआ तो शिमला रेलवे स्टेशन से सुबह आठ बजे डाउन ट्रेन कालका की ओर रवाना हुई। वहीं, दोपहर 12 बजे कालका से शिमला की ओर रेलगाड़ी चली।