मिसाइल हमले का अलर्ट देख हवाई के लोगों की हवाइयां उड़ गईं. हर कोई सुरक्षित ठिकाने के लिए इधर-उधर भागता रहा. करीब 38 मिनट तक अफरातफरी का माहौल रहा.
अमेरिका का हवाई प्रांत (Hawaii). सुबह करीब 8 बजे कोई ऑफिस जाने की तैयारी कर रहा था तो कोई गरमागरम कॉफी की चुस्की ले रहा था. अचानक से मोबाइल, टीवी और रेडियो पर एक मैसेज आया, ‘शहर पर बैलिस्टिक मिसाइल हमला (Hawaii missile alert) हुआ है. यह ड्रिल नहीं है (This is not a Drill). खुद को बचाएं.’ जिसने भी यह संदेश देखा, उसके होश उड़ गए. देखते ही देखते पूरे हवाई की हवाइयां उड़ गईं. अफरातफरी मच गई. लोग अपना घर छोड़कर भाग खड़े हुए.
38 मिनट की दहशत के बाद पता चला कि यह मैसेज गलती से चला गया. दो साल पहले आज ही के दिन स्टेट इमरजेंसी सिस्टम के एक कर्मचारी की छोटी सी गलती पूरे प्रांत पर बहुत भारी पड़ी. 13 जनवरी, 2018 को इस कर्मचारी ने ड्रिल को असली हमला समझ लिया और चेतावनी जारी कर दी. वह ड्रिल को सच मानकर इतना ज्यादा घबरा गया था कि उसे कुछ समझ ही नहीं आ रहा था. घबराहट में उसने अलर्ट जारी कर दिया, उसके हाथ-पैर काम करना ही बंद कर दिए थे. दूसरे कर्मचारी को उससे कंट्रोल अपने हाथ में लेना पड़ा. इस वजह से अलर्ट सिस्टम की गलती स्वीकारते हुए सभी को संदेश जारी करने में 38 मिनट लग गए.
क्या हुआ था उस दिन
स्टेट इमरजेंसी सिस्टम के कर्मचारी रूटीन के तहत बैलिस्टिक मिसाइल हमले की ड्रिल कर रहे थे. सुबह 8 बजे से कर्मचारी नंबर 4 और 2 के बीच इसे लेकर बातचीत हुई. दोनों ने सभी तैयारियां की और दिन की शिफ्ट को इसकी जानकारी भी दी. अगली शिफ्ट के कर्मचारी जब रूम में आए तो कर्मचारी 4 ने कर्मचारी 5 को इसकी जानकारी दी.
मगर एक कर्मचारी था अनजान
हालांकि इस सब प्रक्रिया से कर्मचारी नंबर 1 पूरी तरह अनजान था. जैसे ही एक अन्य कर्मचारी ने ड्रिल के इमरजेंसी संदेश जारी किया, उसके हाथ-पैर फूल गए. घबराहट में उसने असली अलर्ट भेजने वाले बटन को दबा दिया. उसने कंप्यूटर पर मिसाइल अलर्ट का संदेश एक्टिवेट किया. कंप्यूटर ने पूछा भी हां या ना. लेकिन वो इतना ज्यादा घबराया हुआ था कि उसने हां का बटन दबा दिया. इसके बाद सभी के स्मार्टफोन पर यह मैसेज पहुंच गया. अफरातफरी के बाद एक अन्य कर्मचारी ने उसके हाथ से कमांड ली.
सुरक्षित ठिकाने के लिए भागे लोग
इसके बाद लोगों में अफरातफरी मच गई. विमान सेवा भी कुछ देर के लिए बाधित हुई. लोग अपनी कारों के साथ किसी सुरंग या सुरक्षित ठिकाने की तलाश करने लगे. हजारों की संख्या में लोग अपने घर छोड़कर भाग खड़े हुए. हालांकि बाद में इस भूल के प्रशासन को माफी मांगनी पड़ी और कर्मचारी को बर्खास्त कर दिया गया.