नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में सेना की महिला अधिकारियों की ओर से अवमानना दायर की गई है. केंद्र सरकार इन 72 महिला अफसरों को फिलहाल बाहर नहीं करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से इन महिला अफसरों को स्थाई कमीशन ना देने का कारण पूछा है. अगली सुनवाई 8 अक्टूबर को होगी.
इससे पहले 13 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में ही इन 72 महिला अधिकारियों की अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कहा गया था कि अब वो दो हफ्ते के भीतर इन अधिकारियों की समस्याओं का समाधान निकालेगी. इन महिलाओं का दावा है कि कोर्ट के आदेश के बावजूद सेना ने उन्हें अभी तक स्थाई कमीशन नहीं दिया है. हालत ये है कि सेना की ओर से इन महिलाओं को चिठ्ठी भेजी गई है, किसी को भी स्थाई कमीशन नहीं दियागया है.
इन महिला अधिकारियों की मानें तो सुप्रीम कोर्ट ने 25 मार्च 2021 को फैसला सुनाया था कि दो महीने के भीतर इनको सेना में स्थाई कमीशन दिया जाए और साथ में अगले महीने प्रमोशन भी दिया जाए . बावजूद इसके इन महिलाओं को स्थाई कमीशन अब तक नहीं दिया गया. इसके बाद 10 अगस्त को इन महिलाओं ने रक्षा मंत्रालय और सेना को कानूनी नोटिस भेजा. उसका भी कोई जवाब नहीं मिला, तब जाकर इन महिलाओं ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा फिर से खटखटाया.
सेना में वैसे तो अभी 1500 के करीब महिला अफसर हैं, वहीं, पुरुष अफसरों की तादाद 48,000 के आसपास है. पुरुष अधिकारियों की तुलना में यह संख्या करीब तीन फीसदी ही है. अब सेना की इन 72 महिला अफसरों की उम्मीद है फिर से सर्वोच्च न्यायालय पर ही टिकी है कि वही इनको सेना में स्थाई कमीशन दिला सकती है.