राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 34वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले का किया उद्द्घाटन, 16 फरवरी तक चलेगा मेला

फरीदाबाद: शनिवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 34वें अंतरराष्ट्रीय क्राफ्ट सूरजकुंड मेले का उद्घाटन किया। इस मौके पर उनकी पत्नी सविता कोविंद, हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण और मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर भी मौजूद रहे। राष्ट्रपति कोविंद ने सूरजकुंड अन्तरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला में पहुंचने वाले सभी 26 देशों व राज्यों से आए हस्तशिल्पियों, कलाकारों को बधाई देते हुए कहा कि भारत त्यौहारों व मेलों का देश है। सूरकुंड का यह मेला भारत के लोगों के कला-कौशल, प्रतिभा और उद्यमशीलता के प्रदर्शन का एक स्थापित मंच बन गया है। #SurajKundMela2020

राष्ट्रपति ने कहा कि वर्ष 1987 में इस मेले का पहली बार आयोजन किया गया था। आज यह मेला विलुप्त हो रहे हस्तशिल्प और हथकरघा की विशेष कला-विधाओं को संरक्षित करने और बढ़ावा देने तथा कारीगरों को उनके काम को प्रदर्शित करने के उद्देश्य से उचित मंच प्रदान कर रहा है। पिछले तैतीस वर्षों से निरन्तर इस मेले में आगंतुकों और शिल्पकारों की संख्या बढ़ती गई है। इस मेले की बढ़ती लोकप्रियता इस बात का प्रमाण है कि यह मेला वास्तव में भारत के हस्तशिल्प, हथकरघा और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की विविधता को उपयोगी व रोचक तरीके से प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा कि यह मेला केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करता है।

भारत की सांस्कृतिक विरासत का जिक्र करते हुए कोविंद ने कहा कि भारत त्योहारों और मेलों का देश है। इस मेले में शिल्पकारों और हथकरघा कारीगरों के अलावा विविध अंचलों के पहनावों, लोक-कलाओं, लोक-व्यंजनों, लोक-संगीत और लोक-नृत्यों का भी संगम होता है। उन्होंने कहा कि इस मेले में भारत के गांवों की खुशबू और हमारी समृद्ध सांस्कृतिक परम्परा के विविध रंग, यहां आने वालों को हमेशा आकर्षित करते रहेंगे। हर वर्ष मेले में भारत का कोई एक राज्य थीम स्टेट और कोई एक देश ‘पार्टनर नेशन’ होता है। किसी एक राज्य को थीम बना कर उसकी कला, संस्कृति, सामाजिक परिवेश और परंपराओं को यहां प्रदर्शित किया जाता है। इस वर्ष हिमाचल प्रदेश थीम स्टेट और उज्बेकिस्तान ‘पार्टनर नेशन’ है। इस मेले में देवभूमि हिमाचल प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत और पारंपरिक कला को विशेष रुप से दर्शाया जा रहा है।

उज्बेकिस्तान के बारे में जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हमारी भौगोलिक सीमा नहीं मिलती लेकिन हमारे बीच दिलों के रिश्ते हमेशा से रहे हैं और आशा है कि भविष्य में भी यह और अधिक सुदृढ़ होंगे। उन्होंने कहा कि यह मेला भारत व उज्बेकिस्तान के लोगों के बीच संस्कृति, कला एवं कृषि के क्षेत्र में मजबूत साझेदारी प्रस्तुत करेगा। थीम राज्य हिमाचल प्रदेश व हरियाणा के सूरजकुंड मेले को पर्यटकों को आकर्षित करने का मंच बताते हुए उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में इन त्योहारों और मेलों ने देश और विदेश के पर्यटकों को आकर्षित किया है।

इस मौके पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि सूरजकुंड मेला वास्तव हमारे वसुधैव कटुंबकम को चरितार्थ कर रहा है। यह लोक संस्कृति, वास्तुकला, शिल्पकला, दस्तकला व कलाकारों को एक साथ 15 दिन तक अपनी कला का प्रदर्शन करने का अवसर प्रदान करेगा। इस बार 26 देश इस मेले में भाग ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा की लोक संस्कृति को देश विदेशों में लोकप्रिय बनाने के लिए हमने भारतीय सांस्कृतिक परिषद नई दिल्ली के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके अलावा हमने राज्य के लिए सांस्कृतिक नीति कलश शुरू की है। इसका उद्देश्य हरियाणा की विभिन्न सांस्कृतिक विरासतों को सहेजकर रखना है। हरियाणा में हड़प्पा संस्कृति से जुड़ी विरासत भी मिली है जिन्हें संजो कर हम एक एटलस भी तैयार कर रहे हैं ताकि देश-विदेश के लोग कभी इनसे रूबरू हो सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वदेश दर्शन के तहत केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने वर्ष 2015 में कृष्णा सर्किट के तहत धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र के विकास व जीर्णोद्धार के लिए राशि उपलबध करवाई और तिरूपति बालाजी का मंदिर भी कुरुक्षेत्र में है जो उत्तर भारत में अपनी तरह का पहला मंदिर है। इसके अलावा इसको जीओ गीता के संग तथा ज्ञान मंदिर भी स्थापित किए गए हैं। हरियाणा व हिमाचल प्रदेश की सीमा पर स्थित सरस्वती नदी के उद्गम स्थल आदिबद्री को भी हरियाणा सरकार तीर्थ स्थल के रूप में विकसित कर रही है। शिवालीक क्षेत्र को पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिए कालका से कलेसर तक पर्यटन की योजनाएं चलाई जा रही हैं। ईको टूरिज्म व ग्रामीण क्षेत्रों के लिए फार्म टूरिज्म को बढ़ावा देने की भी योजना चलाई जा रही है।

इस अवसर पर उज्बेकिस्तान व हिमाचल प्रदेश के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुती से सभी का मन मोह लिया। कार्यक्रम में हरियाणा के प्रर्यटन मंत्री कंवर पाल, परिवहन मंत्री मूल चंद शर्मा, सहकारिता मंत्री डा. बनवारी लाल, पुरातत्व एवं संग्रहालय मंत्री अनूप धानक, हरियाणा की मुख्य सचिव केसनी आनंद अरोड़ा, केंद्रीय पर्यटन सचिव एवं सूरजकुंड मेला प्राधिकरण के अध्यक्ष योगेंद्र त्रिपाठी, राष्ट्रपति के सचिव संजय कोठारी, हरियाणा पर्यटन विकास निगम के चेयरमैन रणधीर सिंह गोलन, वेयर हाउस कार्पोरेशन के चेयरमैन नयन पाल रावत, पशुधन विकास बोर्ड के चेयरमैन सोमवीर सांगवान, हैफेड के चेयरमैन सुभाष कत्याल, हाउसिंग बोर्ड के चेयरमैन संदीप जोशी, विधायक सीमा त्रिखा, मंडलायुकत संजय जून, नगर निगम आयुकत यश गर्ग, डीसी यशपाल, पुलिस आयुक्त के।के। राव, हरियाणा पर्यटन विभाग के प्रबंध निदेशक विकास यादव, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार अमित आर्य, मुख्यमंत्री के राजनैतिक सचिव अजय गौड सहित सैकड़ों गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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