नई दिल्ली: एक तरफ जहां देश में कोरोना के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है वहीं दूसरी ओर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को साफ किया कि सरकार व्यापक स्तर पर ‘लॉकडाउन’ नहीं लगाएगी और महामारी की रोकथाम के लिये केवल स्थानीय स्तर पर नियंत्रण के कदम उठाये जाएंगे. देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामले के बीच उन्होंने यह बात कही. विश्वबैंक समूह के अध्यक्ष डेविड मालपास के साथ ‘ऑनलाइन’ बैठक में सीतारमण ने भारत को विकास के लिए और अधिक कर्ज सुविधा की गुंजाइश बढ़ाने के लिये विश्वबैंक की पहल की सराहना की. वित्त मंत्रालय ने ट्विटर पर लिखा है, ‘‘वित्त मंत्री ने कोरोना वायरस महामारी के फिर से फैलने को रोकने के लिये पांच सूत्री रणनीति…जांच, पता लगाना, उपचार करना, टीकाकरण और कोविड-19 को फैलाने से रोकने के लिये उपयुक्त आचरण…समेत भारत की तरफ से उठाये गये कदमों को साझा किया.”
उन्होंने कहा, ‘‘दूसरी बार संक्रमण के तेजी से फैलने के बावजूद हमारा यह स्पष्ट रुख है कि हम व्यापक स्तर पर ‘लॉकडाउन’ लगाने नहीं जा रहे हैं. हम पूर्ण रूप से अर्थव्यवस्था को ठप नहीं करना चाहते. स्थानीय स्तर पर कोविड मरीजों या परिवार को अलग रखने के उपाय किये जाएंगे. स्थानीय स्तर पर नियंत्रण के उपायों के जरिये संकट से निपटा जाएगा. लॉकडाउन नहीं लगाया जाएगा.”विश्वबैंक के बयान के अनुसार, मालपास और वित्त मंत्री ने समूह तथा भारत के बीच सिविल सेवा और वित्तीय क्षेत्र सुधार तथा जल संसाधन प्रबंधन एवं स्वास्थ्य समेत विभिन्न क्षेत्रों में भागीदारी के महत्व पर चर्चा की. दोनों ने भारत में कोविड-19 से निपटने के लिये उठाये जा रहे कदमों के साथ घरेलू टीका उत्पादन क्षमता पर चर्चा की. मालपास ने कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिये भारत के प्रयासों के समर्थन तथा गरीबी उन्मूलन को लेकर विश्वबैंक समूह की प्रतिबद्धता दोहरायी.
सीतारमण ने हरित, मजबूत और समावेशी विकास हासिल करने के लिये एलईडी बल्ब का वितरण, राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति के तहत पेट्रोल में एथनॉल का मिश्रण, स्वैच्छिक वाहन कबाड़ नीति, इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिये प्रोत्साहन जैसे सरकार के कार्यक्रमों की भी जानकारी दी. स्वास्थ्य मंत्रालय के मंगलवार को सुबह जारी आंकड़े के अनुसार देश में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के 1,61,736 नए मामले सामने आने के साथ देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,36,89,453 हो गयी है. कोविड-19 से पीड़ित लोगों के ठीक होने की दर घटकर अब 89.51 प्रतिशत पर आ गयी है.