सर्दी बढ़ने के साथ ही प्रदूषण में औद्योगिक नगरी फिर नंबर वन

फरीदाबाद : सर्दी बढ़ने के साथ ही वायु प्रदूषण का स्तर भी बढ़ना शुरू हो गया है। शनिवार को देशभर के 155 प्रदूषित शहरों में औद्योगिक नगरी 432 अंक के साथ पहले स्थान पर रही। दूसरे नंबर पर दिल्ली 431 थी। कई दिन से प्रदूषण का स्तर 400 को पार कर रहा है। अभी और सर्दी बढ़ेगी, कोहरा छाएगा, तो ऐसे में प्रदूषण का स्तर भी बढ़ने की आशंका है। फिलहाल सामान्य से आठ गुना अधिक प्रदूषण का स्तर है। ऐसी स्थिति में दमा रोगियों को सबसे अधिक परेशानी होती है। सुबह छाया रहा कोहरा

शनिवार को मौसम का पहला घना कोहरा था। हल्की धूप निकली लेकिन इसका असर स्तर पर दिखाई नहीं दिया। दिनभर हल्की धुंध सी छाई रही। अब जैसे-जैसे सर्दी बढ़ेगी, वैसे ही कोहरा भी बढ़ने की आशंका है। शुरू हो चुके हैं निर्माण कार्यवायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग से अनुमति के बाद जिले में रुके हुए विकास कार्य शुरू हो चुके हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग गुरुग्राम नहर के ऊपर पुल निर्माण चल रहा है। बाईपास सहित शहर में अन्य जगह काम चल रहा है। इसका असर भी वायु प्रदूषण के स्तर पर पड़ रहा है। सूक्ष्म कणों का 50 तक स्तर सामान्य श्रेणी मानी जाता है। सड़क किनारे पड़ी है मिट्टी

शहर से लेकर गांव तक सड़कों व किनारे पर मिट्टी उड़ती दिखाई दे रही है। शहर के बीचों-बीच से गुजर रहे राष्ट्रीय राजमार्ग किनारे जगह-जगह मिट्टी के ढेर लगे हुए हैं। बाईपास पर तो बहुत बुरा हाल है। जब यहां से वाहन निकलते हैं तो फिर अपने साथ धूल का गुबार छोड़ जाते हैं। दिन भर वाहनों का आवागमन रहने से धूल के कण वायु में बरकरार रहते हैं, जो प्रदूषण का कारण बनते हैं। पिछले छह दिन का स्तर

19 दिसंबर 226

20 दिसंबर 289

21 दिसंबर 396

22 दिसंबर 406

23 दिसंबर 452

24 दिसंबर 414 प्रदूषण से बचने के उपाय

-घर से बाहर निकलें तो मास्क लगाएं

-प्रदूषण आंखों को भी प्रभावित कर सकता है। इसलिए चश्मा भी लगाएं।

-घर में नियमित डस्टिग करते रहें।

-सभी मोहल्लों में प्रत्येक व्यक्ति अपने घर के बाहर की सड़क को गीला करें। ऐसा करने से धूल के दूषित कण हवा में नहीं उड़ेंगे। प्रदूषण फेफड़ों को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाता है। हृदय, रक्तचाप, सांस संबंधी परेशानी भी होने लगती है। इसलिए प्रदूषण का स्तर बढ़ा होने पर सुबह की सैर से बचना चाहिए। योग करते रहें। पौष्टिक भोजन करें। इनमें हरी सब्जियां अवश्य शामिल करें। बुजुर्गों व बच्चों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है।

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