महाराष्ट्र में जारी सियासी घमासान के लिए आज का दिन काफी अहम माना जा रहा है. अजित पवार की ओर से खुद को एनसीपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किए जाने के बाद शरद पवार ने गुरुवार को दिल्ली में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है. इस बैठक में जयंत पाटिल, सुप्रिया सुले समेत NCP के सांसद रहेंगे मौजूद रहेंगे. दूसरी तरफ महाराष्ट्र में शिंदे गुट के कुछ नाराज विधायकों को मनाने के लिए भी मंथन शुरू हो गया है.
पार्टी में फूट के बाद शुरू हुई लड़ाई अब एनसीपी पर अधिकार पर आ गई है. चाचा-भतीजे दोनों ने अपने-अपने दावे किए हैं। दोनों का कहना है कि उनके पास सबसे ज्यादा विधायक है. अब पार्टी पर अधिकार की ये जंग चुनाव आयोग के दरवाजे तक पहुंच गई है. अजित पवार के नेतृत्व वाले समूह ने हलफनामे में करीब 40 विधायकों और सांसदों के समर्थन का दावा किया है. इसमें कहा गया है कि पार्टी के ज्यादा विधायक हमारे पक्ष में हैं. इस तरह उन्होंनें पार्टी पर अपना दावा ठोक दिया है.
दरअसल, एनसीपी से बगावत करने वाले अजित पवार ने बुधवार को खुद को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर दिया. उन्होंने चाचा शरद पवार को लेकर कहा, आपकी उम्र बहुत हो गई है, अब आप आशीर्वाद दीजिए. अजित ने कहा कि चाचा शरद पवार की उम्र 83 साल हो गई है, ऐसे में उन्हें अब राजनीति से संन्यास लेकर आशीर्वाद देना चाहिए.
शरद पवार बोले- अजित को बात करनी चाहिए थी
दूसरी ओर से शरद पवार ने कहा है कि अजित पवार के मन में कुछ था तो उन्हें मुझसे बात करनी चाहिए थी. एनसीपी हमारी पार्टी है और मैं इसके चुनाव चिन्ह को कहीं नहीं जाने दूंगा. उन्होंने अजित पवार को बीजेपी का इतिहास याद दिलाते हुए कहा कि इस भगवा पार्टी के साथ जो भी लोग गए बाद में बाहर हो गए हैं. बीजेपी गठबंधन की बाकी पार्टियों को कहीं का नहीं छोड़ती है.
दोनों गुट पहुंचे चुनाव आयोग
अजित पवार गुट के चुनाव आयोग जाने के बाद शरद पवार गुट भी ईसी पहुंची है. शरद पवार गुट ने चुनाव आयोग से कहा है कि चुनाव चिन्ह के मुद्दे पर उनकी भी बात सुनी जानी चाहिए. बताया जा रहा है कि शरद पवार गुट की ओर से चुनाव आयोग को बागी विधायकों की सूची भी सौंपी है और बताया कि शिंदे सरकार में मंत्री पद की शपथ लेने वाले विधायक को पार्टी से बर्खास्त कर दिया है.
शरद पवार को रिटायरमेंट की सलाह देने पर सुप्रिया सुले ने भाई अजित पवार पर पलटवार किया. सुले ने रतन टाटा, सायरस पूनावाला और अमिताभ बच्ची की उम्र का हवाला देते हुए कहा कि कहा कि क्या ये लोग काम नहीं कर रहे हैं. आप हमारा अपमान कर सकते हैं लेकिन पिता का नहीं है. उन्होंने शरद पवार को एनसीपी का एकमात्र सिक्का बताया और कहा कि ये लड़ाई सत्ता की नहीं है बल्कि बीजेपी के खिलाफ लड़ाई है.