बरेली. उत्तर प्रदेश के बरेली के बहरोली गांव में माता-पिता के दोहरे हत्याकांड में कोर्ट ने बेटे को फांसी की सजा सुनाई है. माता-पिता के हत्यारे वकील बेटे दुर्वेश कुमार को कोर्ट ने फांसी की सजा के साथ-साथ 10000 रुपए का आर्थिक दंड भी लगाया है. बेटे ने प्रॉपर्टी के लालच में पहले अपने पिता की गोली मारकर हत्या की और उसके बाद मां को भी गोली मार दी थी.
अपर सत्र न्यायाधीश ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने यह सजा सुनाई. अपने माता-पिता की हत्या में सगे भाई वकील उमेश कुमार ने एफआईआर दर्ज कराई थी. 13 अक्टूबर 2020 की सुबह को घटना को अंजाम दिया गया था, जिसमें माता मोहन देवी और पिता लालता प्रसाद की हत्याएं हुई थी. हत्यारे बेटे ने प्रॉपर्टी के लालच में वारदात को अंजाम दिया था.
जिला शासकीय अधिवक्ता लोक अभियोजक सुनीति कुमार पाठक ने प्रभावी पैरवी की. इसके बाद साक्ष्यों के आधार पर सजा सुनाई गई. सरकारी वकील सुनीति कुमार पाठक ने बताया कि अपर सत्र न्यायाधीश ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने मीरगंज के चर्चित प्रकरण जिसमें हत्यारे दुर्वेश ने अपनी मां मोहन देवी और पिता लालता प्रसाद की हत्या का दोषी मानते हुए मंगलवार को मृत्यु दंड की सजा सुनाई.
अधिवक्ता भाई ने दर्ज कराई थी एफआईआर
दुर्वेश कुमार पेशे से अधिवक्ता है. उसके सगे भाई अधिवक्ता उमेश कुमार ने एफआईआर दर्ज कराई थी. संपत्ति के लालच में दुर्वेश ने अपने माता-पिता की हत्या कर दी थी. 2020 से ही गिरफ्तारी के बाद प्रभावी पैरवी के कारण उसकी जमानत नहीं होने दी.
वारदात को अंजाम देते दंपति ने देखा
वादी उमेश कुमार के मुताबिक 13 अक्टूबर 2020 को वह और उनकी पत्नी हेमलता गंगवार अपने माता-पिता के लिए चाय लेकर जा रहे थे. जब वह मंदिर के पास पहुंचे तो घर से फायर की आवाज सुनाई दी. जब वह घर पहुंचे तो उन्होंने देखा उनका सगा भाई दुर्वेश पिता के शव को कमरे में ले जा रहा था. उनकी चीख सुनकर आरोपी तमंचा लेकर उनकी ओर दौड़ा कि इतने में उनकी मां शौचालय से बाहर आई. इतने में दुर्वेश ने उनकी भी गोली मारकर हत्या कर दी और फरार हो गया.