मौसम में बदलाव और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने से राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार को मौसम की सबसे प्रदूषित हवा दर्ज की गई। दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 257 दर्ज किया गया। यह चौथी बार है, जब इस महीने दिल्ली की हवा खराब श्रेणी में दर्ज की गई है। वहीं, पांच जगह हवा गंभीर श्रेणी में और 20 से अधिक इलाकों में खराब श्रेणी में पहुंच गई।
उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने स्थिति को देखते हुए हरियाणा व पंजाब के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर पराली जलाने पर रोक लगाने को कहा है। यह भी याद दिलाया कि इस बार भी पराली जलाने की घटनाएं दोनों राज्यों में ज्यादा देखी गई हैं।
दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के पहले चरण की बंदिशें लागू हैं। इसके बावजूद वायु प्रदूषण गहराता जा रहा है। अगर, एक्यूआई 300 के पार जाता है, तो यहां ग्रैप के चरण दो के नियम लागू हो सकते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, हवा में नमी कम होने से प्रदूषण कण सघन हो रहे हैं। सफर इंडिया के मुताबिक, शनिवार को दिल्ली का पीएम 2.5 सांद्रता लगभग 104 दर्ज किया गया, जो मध्यम श्रेणी में है। वहीं, पीएम 10 सांद्रता करीब 230 दर्ज किया गया जो खराब श्रेणी में है। मालूम हो कि पीएम 2.5 सांद्रता 60 तक सामान्य मापा जाता है और पीएम 10 सांद्रता 100 तक सामान्य रहता है। ऐसे में हवा और दूषित हो सकती है।
पराली के धुएं से दो करोड़ लोग परेशान
एलजी ने हरियाणा व पंजाब को लिखे पत्र में कहा कि दिल्ली के दो करोड़ से अधिक लोगों को पराली के धुएं से समस्या हो रही है। इसका असर समूचे एनसीआर में भी होता है। प्रदूषण स्तर खराब करने में पांच राज्यों की भूमिका दिखी थी, जिसमें पंजाब ने ही सकारात्मक रुख नहीं अपनाया था।
पराली, उद्योगों के अवशेष जलने व मौसम में बदलाव से हरियाणा की हवा में प्रदूषण बढ़ने लगा है। शनिवार को तीन सबसे प्रदूषित शहरों में हरियाणा का सोनीपत व बहादुरगढ़ भी रहे। यहां एक्यूआई औसतन 300 पार कर गया। बहादुरगढ़ व सोनीपत में एक समय एक्यूआई क्रमश: 491 व 424 तक पहुंच गया था। 8 अन्य शहरों में भी एक्यूआई 200 से अधिक रहा।
दिल्ली में 21 निर्माण साइट्स को नोटिस, 8.35 लाख का जुर्माना
राजधानी में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार गंभीर है। निर्माण स्थलों पर जारी दिशानिर्देशों के उल्लंघन पर 21 निर्माण स्थलों को नोटिस जारी कर 8.35 लाख का जुर्माना लगाया गया है। धूल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एंटी डस्ट कैंपेन चलाया जा रहा है। संबंधित विभागों की टीम ने 1108 निर्माण स्थलों का निरीक्षण किया है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि एंटी डस्ट कैंपेन सात नवंबर तक जारी रहेगा। इस दौरान अलग-अलग टीमें दिल्ली में अलग-अलग स्थानों पर चल रहे निर्माण स्थलों का निरीक्षण कर मानदंडों के उल्लंघन करने पर कार्रवाई कर रही है।
गोपाल राय ने कहा कि प्रदूषण कम करने के लिए विंटर एक्शन प्लान के आधार पर ग्रीन वार रूम शुरू कर मॉनिटरिंग की जा रही है। इसके अलावा एंटी डस्ट अभियान, बॉयो डी-कम्पोजर का छिड़काव, मोबाइल एंटी स्मॉग गन से पानी का छिड़काव आदि प्रमुख है। इस अभियान में 13 विभागों को शामिल किया गया है। जिनमें डीडीए, एमसीडी ,डीपीसीसी ,जल बोर्ड, डीएसआईआईडीसी, डीसीबी ,दिल्ली मेट्रो , पीडब्ल्यूडी,राजस्व, सीपीडब्लूडी, एनडीएमसी समेत अन्य विभागों की 591 टीमें तैनात की गई है।
टीमों को लगातार निरीक्षण करने का दिया निर्देश
उन्होंने बताया कि निर्माण साइट्स पर 14 सूत्री नियमों को लागू करना जरूरी है। विभागीय टीमों का लगातार निरीक्षण करते रहने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने लोगों से कहीं भी निर्माण-विध्वंस कार्य में अनियमितता दिखने पर ग्रीन दिल्ली एप पर इसकी शिकायत करने की अपील की है।