पांच राज्यों में नतीजों के इंतजार के बीच 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है. 30 नवंबर को तेलंगाना में चुनाव होना है लेकिन वहां से डेढ़ हजार किलोमीटर दूर कोलकाता में बुधवार को 2024 के चुनाव का एजेंडा सामने आया. गृह मंत्री अमित शाह आज कोलकाता पहुंचे. उन्होंने अगले साल लोकसभा चुनाव में ज्यादा सीटें जीतने का लक्ष्य बताते हुए ममता बनर्जी को सीधा टारगेट किया लेकिन सीएम ममता भी आज ही के दिन अमित शाह को सीधी चुनौती देने के लिए मैदान में उतर गईं
कोलकाता के विक्टोरिया हाउस के सामने धर्मतला मैदान में अमित शाह ने रैली की तो ममता बनर्जी काली पट्टी बांधकर मंत्रियों- विधायकों के साथ केंद्र सरकार से हिसाब मांगीं. उनका आरोप है कि केंद्र सरकार फंड नहीं दे रही है. कोलकाता में बीजेपी के हज़ारों समर्थकों से भरे मैदान में अमित शाह खूब बोले. उन्होंने ममता बनर्जी पर चुन-चुन कर हमले किए.
अमित शाह के 24 मिनट के भाषण में ममता बनर्जी, अभिषेक बनर्जी और TMC निशाने पर थे.कांग्रेस और लेफ्ट का नाम एक-दो बार ही आया. अमित शाह इतने पर नहीं रुके. उन्होंने दावा किया कि टीएमसी ने बंगाल को बर्बाद कर दिया है. यहां राजनीतिक हिंसा सबसे ज्यादा है और घुसपैठ ही मुख्य मुद्दा है.
हमले का जवाब धरना
अमित शाह के हमले का जवाब TMC ने धरने से दिया. सेंट्रल फंड देने में भेदभाव का आरोप लगाकर ममता बनर्जी और उनकी पार्टी के विधायकों ने पश्चिम बंगाल विधानसभा के बाहर धरना दिया. ममता बनर्जी को छोड़कर सभी विधायक और मंत्रियों ने काले कपड़े पहने थे. टीएमसी का आरोप है कि केंद्र सरकार मनरेगा मजदूरों को दिए जाने वाले फंड में से पश्चिम बंगाल का हिस्सा नहीं दे रही है.
उन्होंने युवाओं की नौकरी पर एक शब्द नहीं कहा. महंगाई पर उन्होंने एक शब्द नहीं कहा. मनरेगा पर भी उन्होंने कुछ नहीं कहा. वैसे कोलकाता में बीजेपी ने जो आज रैली की उसे प्रतिवाद सभा यानि विरोध सभा का नाम दिया था. इस रैली के लिए पूरे बंगाल में कोलकाता चलो का नारा दिया गया था. इस रैली के आयोजन पर भी काफी विवाद हो चुका है.
अमित शाह ने कोलकाता के जिस मैदान से आज ममता बनर्जी पर राजनीतिक प्रहार किया. उसकी इजाजत के लिए पुलिस से लेकर कोर्ट तक जाना पड़ा. दरअसल कोलकाता पुलिस ने अमित शाह की रैली को इजाजत देने से इनकार कर दिया था. कोलकाता पुलिस इसके लिए ट्रैफिक व्यवस्था खराब होने का तर्क दे रही थी. इसके विरोध में बीजेपी कलकत्ता हाईकोर्ट गई. जहां सिंगल जज की बेंच ने रैली की इजाजत दे दी. इसके खिलाफ सरकार डिविजन बेंच में चली गई, लेकिन वहां भी ममता सरकार को नाकामी मिली और अमित शाह की रैली को इजाजत मिल गई.
अब आपको अमित शाह की वो बड़ी बातें बतातें है जो उन्होंने कोलकाता की रैली में कही. अमित शाह ने भाषण में ममता बनर्जी को टारगेट करते हुए कहा कि चुनावी हिंसा सबसे ज्यादा बंगाल में होती है. बंगाल में घुसपैठियों को नहीं रोका जा रहा. बंगाल आज बम धमाकों से गूंज रहा है. CAA देश का कानून है, हम इससे लाकर रहेंगे. अमित शाह ने दावा किया कि बंगाल की जनता ने तय कर दिया है की अगली सरकार बीजेपी की बन रही है.
अमित शाह की रैली के मायने
अब आपको कोलकाता में गृह मंत्री अमित शाह की रैली के मायने बताते हैं. उन्हें वहां क्यों जाना पड़ा इसका मतलब समझाते हैं. दरअसल बीजेपी का लक्ष्य 2019 में जीती गई 18 लोकसभा सीटों को बढ़ाकर 35 करने का है. बंगाल में लोकसभा की कुल 42 सीटें हैं. इसके अलावा 2021 विधानसभा चुनाव में हार के बाद कार्यकर्ता और पार्टी संगठन में नई ऊर्जा फूंकने की कोशिश. ऊर्जा फूंकने की ज़रूरत इसलिए है क्योंकि 2021 में हार और बाहरी नेताओं की एंट्री की वजह से बंगाल बीजेपी में मतभेद बढ़े हैं.
यही नहीं पंचायत चुनाव के साथ उपचुनाव में बीजेपी कोई करिश्मा नहीं कर पाई. पूरे बंगाल में पार्टी के अंदर असंतोष है. पार्टी के अंदर गुटबाजी और खींचतान है जिससे कार्यकर्ता परेशान हैं. इसी असंतोष की वजह से 12 अक्टूबर को बंगाल में बीजेपी के दफ्तरों के बाहर उसके ही कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया. जबकि इससे कुछ दिन पहले बांकुड़ा के बीजेपी सांसद सुभाष सरकार को उनके दफ्तर में ही बंद कर दिया गया था.