केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज बिहार के लखीसराय में एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे. अमित शाह दो महीने के अंदर दूसरी बार बिहार आ रहे हैं. शाह ऐसे समय में बिहार दौरे पर आ रहे हैं, जब 23 जून को बीजेपी विरोधी दलों का पटना में महाजुटान हुआ है. इसके बाद कहा जा रहा है कि अमित शाह के निशाने पर नीतीश कुमार की विपक्षी एकता होगी. वह विपक्षी एकता पर एक के बाद एक कई हमले कर सकते हैं.
साथ ही अमित शाह लखीसराय में ललन सिंह पर भी हमलावर होंगे. बीजेपी नीतीश कुमार के सबसे करीबी कहे जाने वाले ललन सिंह को घेरने की पूरी तैयारी कर रही है. लखीसराय ललन सिंह के संसदीय क्षेत्र मुंगेर का हिस्सा है. बीजेपी ललन सिंह को मुंगेर में मात देकर नीतीश कुमार को बिहार विधानसभा चुनाव से पहले यह बताने की कोशिश करेगी कि बिहार में बिना बीजेपी की उसकी राजनीतिक हैसियत ज्यादा नहीं है. साथ ही वह ललन सिंह को भी सबक सिखाना चाहेगी.
ललन सिंह को सबक सिखाना चाहती है BJP!
दरअसल, बीजेपी ये मानती है कि नीतीश के पाला बदलने में ललन सिंह की खास भूमिका रही है. ललन सिंह ने राबड़ी देवी के साथ मिलकर नीतीश के महागठबंधन में साथ जाने का प्लान तैयार किया था. बीते मंगलवार को बीजेपी नेता सुशील मोदी ने भी कहा था कि ललन सिंह के कहने पर ही नीतीश कुमार ने पाला बदला था. ललन सिंह अब दोबारा लोकसभा का मुंह नहीं देख पाएंगे. अब ये संयोग कहें या बीजेपी की राजनीति. बीजेपी के नेता पिछले कुछ दिनों से नीतीश कुमार से ज्यादा ललन सिंह पर हमलावर हैं.
मुंगेर में कभी BJP को नहीं मिली है जीत
बीजेपी किसी भी तरह मुंगेर सीट पर अपनी जीत सुनिश्चित करना चाहती है. यही वजह है कि वह अपने सबसे बड़े नेताओं में एक अमित शाह की सभा यहां आयोजित करा रही है. वहीं मंडल से लेकर बूथ लेवल तक पार्टी के कार्यकर्ता यहां लगातार जुटे हुए हैं. बीजेपी यहां कभी चुनाव नहीं जीती है. 2004 में मुंगेर सीट आरजेडी के कब्जे में थी. तब जयप्रकाश यादव ने यहां से जीत दर्ज की थी. इसके बाद 2009 में ललन सिंह जेडीयू के टिकट पर जीते. तब जेडीयू एनडीए के साथ थी.
2014 में नीतीश कुमार ने बीजेपी से अलग होकर चुनाव लड़ा तो ललन सिंह यहां से चुनाव हार गए. एनडीए की महिला उम्मीदवार वीणा देवी (लोजपा) ने तब जीत दर्ज की थी. 2019 में ललन सिंह को जीत मिली.
बिना BJP मुंगेर में ललन सिंह को मिली है मात
दरअसल, ललन सिंह को बिना बीजेपी मुंगेर में मात ही मिली है और अब जब 2024 से पहले नीतीश कुमार एक बार फिर बीजेपी से अलग हैं तो ललन सिंह को यहां कड़ी टक्कर मिल सकती है. कहा जा रहा है कि भूमिहार बाहुल्य मुंगेर लोकसभा में बीजेपी इसी जाति से आने वाले विजय सिन्हा को मैदान में उतार सकती है. इधर, मुंगेर लोकसभा क्षेत्र में एक विधानसभा क्षेत्र मोकामा भी है. मोकामा में अनंत सिंह की सल्तनत है.
अनंत सिंह भले ही महागठबंधन में हैं, लेकिन उनके संबंध जेडीयू खासकर ललन सिंह से अच्छे नहीं हैं. जेल में बंद अनंत सिंह मानते हैं कि वह ललन सिंह की वजह से ही अंदर हैं. इसके बाद मोकामा में ललन सिंह को छोटे सरकार का समर्थन मिले, इसकी भी संभावना बहुत कम है.