पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, आज स्टार्टअप देश में ई-टॉयलेट से लेकर पीपीई किट और दिव्यांगों के लिए सेवाएं देने तक के क्षेत्र में काम कर रहे हैं और इनमें भविष्य को बदलने की ताकत है.
देश में आधुनिक तकनीक वाले नये उद्यमों और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 1,000 करोड़ रुपए के ‘स्टार्ट-अप इंडिया सीड फंड’ (Startup India Seed Fund) की शुरुआत की घोषणा की. उन्होंने कहा कि इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और लोगों के जीवन में सुधार आएगा. मोदी ने वीडियो कन्फ्रेंसिंग के जरिये ‘प्रारम्भ: स्टार्ट- अप भारत अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन’ को संबोधित करते कहा कि देश में स्टार्टअप के लिये पूंजी की कमी नहीं हो इसके लिये कई कदम उठाये जा रहे हैं. इससे नये स्टार्टअप शुरू करने और उनकी वृद्धि को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी. इस अवसर पर उन्होंने एक टेलिविजन शो स्टार्ट-अप चैंपियंस कार्यक्रम का भी उद्घाटन किया, जो दूरदर्शन (डीडी) पर प्रसारित किया जाएगा.
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार स्टार्ट-अप के लिये इक्विटी पूंजी जुटाने में मदद के वास्ते कोषों के कोष की योजना को पहले ही अमल में ला चुकी है. इसके साथ ही आने वाले दिनों में सरकार स्टार्ट-अप को गारंटी के जरिये कोष जुटाने में भी मदद करने वाली है मोदी ने कहा कि आज स्टार्ट-अप के मामले में भारत दुनिया का तीसरा बड़ा देश बन गया है. भारत ने इस दौरान कई उभरते उद्यमियों को आगे बढ़ने में मदद की गई. नवोन्मेषी प्रौद्योगिकी के साथ ये उद्यमी आगे बढ़े और इनमें कई बड़ी कंपनी बन चुके हैं.
छोटे शहरों से आ रहे 40 फीसदी स्टार्टअप
उन्होंने कहा कि भारत में स्टार्ट-अप केवल बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं है बल्कि नये उभरते 40 फीसदी स्टार्ट-अप देश के दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों से सामने आ रहे हैं. भारत स्टार्टअप पारिस्थितिकी के मामले में ‘युवा का, युवा द्वारा, युवाओं के लिये’ के मंत्र पर काम कर रहा है. हमें अगले पांच साल के लिये अपने लक्ष्य तय करने चाहिये और ये लक्ष्य यह होने चाहिये कि हमारे स्टार्टअप, हमारे यूनिकार्नस वैश्विक ताकतों के रूप में उभरे और भविष्य की प्रौद्योगिकियों के मामले में आगे हों.
कोरोना काल में 11 भारतीय स्टार्टअप यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हुए
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 में केवल चार स्टार्ट-अप ही यूनिकॉर्न क्लब में शामिल थे लेकिन आज 30 से अधिक भारतीय स्टार्ट-अप यूनिकॉर्न क्लब के सदस्य हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में 2020 में ही 11 भारतीय स्टार्ट-अप यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हुये हैं. देश में इस समय 41,000 से अधिक स्टार्ट-अप काम कर रहे हैं. इनमें से 5,700 से अधिक सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हैं, वहीं 3,600 से अधिक स्वास्थ्य क्षेत्र में और 1,700 के करीब स्टाटर्अप कृषि क्षेत्र में काम कर रहे हैं. ऐसा स्टार्टअप जिसका मूल्यांकन एक अरब डॉलर तक पहुंच जाता है, वह यूनिकॉर्न कहलाता है.