दिल्ली-NCR में हवा खराब; 3 लाख से अधिक गैर-BS VI डीजल गाड़ियों पर रोक, ट्रकों की भी नो एंट्री

दिल्ली की हवा लगातार जहरीली होती जा रही है और अब राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) अति गंभीर श्रेणी में पहुंचने के करीब है, ऐसे में खतरनाक हालात को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने कल गुरुवार को दिल्ली और आसपास के एनसीआर जिलों में डीजल वाले चार पहिया हल्के मोटर वाहनों (एलएमवी) के चलने और राष्ट्रीय राजधानी में ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया. CAQM ने साथ ही दिल्ली-एनसीआर में बिगड़ती वायु गुणवत्ता को देखते हुए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के चौथे चरण के तहत कई उपायों को लागू करने का फैसला कर लिया.

ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के अंतिम चरण के तहत प्रदूषण रोधी उपायों के हिस्से के रूप यह कदम उठाया गया है. सीएक्यूएम द्वारा जारी एक आदेश के मुताबिक, बीएस-6 मानक वाले वाहनों और आवश्यक व आपातकालीन सेवा में इस्तेमाल हो रहे वाहनों को छूट दी गई है. आदेश में यह भी कहा गया है कि राज्य सरकार शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने, गैर-आपातकालीन वाणिज्यिक गतिविधियों और सम-विषम के आधार पर वाहनों के चलने पर फैसला ले सकती है. ऐसे में दिल्ली में 3 लाख डीजल हल्के मोटर वाहन (light motor vehicles) हैं जो BS-VI नियमों का पालन नहीं करते हैं पर रोक लगा दी गई है. केंद्र और राज्य सरकारें घर से काम करने की इजाजत पर फैसला ले सकती हैं.

पराली जलाने से हवा का स्तर हुआ खराब
बीएस यानी भारत स्टेज (Bharat Stage) यह एक उत्सर्जन मानक है जो मोटर गाड़ियों सहित आंतरिक इंटरनल कंबंसन इंजन इक्यूपमेंट से वायु प्रदूषकों के उत्पादन को विनियमित करने के लिए सरकार द्वारा स्थापित मानदंड हैं. भारत पहले यूरोपीय (EURO) उत्सर्जन मानदंडों का पालन कर रहा था, लेकिन यहां पर बीएस V को छोड़ दिया और 2020 में BS-IV से सीधे BS-VI पर चला आया. सुप्रीम कोर्ट ने कार निर्माताओं को 1 अप्रैल, 2020 से BS-VI कार मॉडल में शिफ्ट करने का आदेश दिया था.

दूसरी ओर, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के अंतिम चरण के तहत प्रदूषणकारी गतिविधियों पर प्रतिबंधों को लागू किए जाने को लेकर आज शुक्रवार को एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है. दिल्ली में कल 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 450 दर्ज किया गया जो अति गंभीर श्रेणी में पहुंचने के करीब है. दिल्ली के पीएम2.5 प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी गुरुवार को बढ़कर 38 प्रतिशत हो गई, जो अब तक इस वर्ष सबसे अधिक है. पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि और अनुकूल परिवहन-स्तरीय हवा की गति के कारण ऐसा हुआ.

चौथे चरण के तहत शुरू किए गए कई उपाय

  1. दिल्ली-एनसीआर में चार पहिया डीजल हल्के मोटर वाहनों के चलने पर प्रतिबंध; बीएस-6, आवश्यक और आपातकालीन सेवाओं के वाहनों को छूट दी गई है.
  2. दिल्ली में इलेक्ट्रिक और सीएनजी से चलने वाले ट्रकों के अलावा अन्य ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध; आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई करने वाले वाहनों को छूट दी गई है.
  3. दिल्ली-एनसीआर में राजमार्ग, फ्लाईओवर, ओवरब्रिज, बिजली पारेषण, पाइपलाइन जैसी लीनियर पब्लिक प्रोजेक्ट्स में निर्माण और विध्वंस कार्यों पर रोक.
  4. एनसीआर में स्वच्छ ईंधन पर न चलने वाले सभी उद्योगों को बंद करने का आदेश दिया गया, यहां तक ​​कि उन क्षेत्रों में भी, जहां एनसीआर के लिए स्वीकृत ईंधन की मानक सूची के अनुसार ईंधन के अलावा पीएनजी बुनियादी ढांचा और आपूर्ति नहीं है. हालांकि, दूध और डेयरी इकाइयों जैसे उद्योगों और जीवन रक्षक चिकित्सा उपकरणों या यंत्रों, औषधियों और दवाओं के निर्माण में शामिल लोगों को इन प्रतिबंधों से छूट दी जाएगी.
  5. राज्य सरकारें स्कूल बंद करने, गैर-आपातकालीन व्यावसायिक गतिविधियों, वाहनों के लिए सम-विषम योजना पर निर्णय लें.
  6. केंद्र, राज्य सरकारें अपने कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम की अनुमति देने का निर्णय ले सकती हैं.
  7. राजधानी में दिल्ली में पंजीकृत डीजल से चलने वाले मध्यम और भारी माल वाहनों पर प्रतिबंध. आवश्यक वस्तुओं को ले जाने और आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वालों को छूट दी गई है.

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