दिल्ली एजुकेशन सिस्टम को भूटान करेगा अपने देश में लागू, सरकार बोली- रिश्ते होंगे और मजबूत

दिल्ली सरकार ने आज ये जानकरी देते हुए कहा कि भूटान ने दिल्ली सरकार के स्कूलों के उद्यमिता और मानसिकता पाठ्यक्रम (Entrepreneurship and Mindset curriculum) के क्रियान्वयन को समझते हुए इसे अपने स्कूलों में शामिल करने की जिज्ञाषा दिखाई है.

इस दिशा में मंगलवार को दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने भूटान के शिक्षा विभाग और वहां शिक्षा से जुड़े लोगों के लिए उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में एक ओरिएंटेशन सेशन का आयोजन किया और उन्हें उद्यमिता और मानसिकता पाठ्यक्रम के क्रियान्वयन के बारे में बताया. इस मौके पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि हमें खुशी है कि ऐसे शैक्षिक आदान-प्रदान से दोनों देश के संबंधों को और अधिक मजबूती मिलेगी और दोनों देशों को एक दूसरे से बहुत कुछ सीखने को भी मिलेगा.

मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार के उद्यमिता और मानसिकता पाठ्यक्रम व शैक्षिक आदान-प्रदान भारत-भूटान के रिश्तों में एक नया मील का पत्थर साबित होगा. यह हमारे शिक्षा निदेशालय के लिए गर्व का मौका है. मनीष सिसोदिया ने कहा कि दो देशों के शिक्षा विभागों के बीच का संबध सबसे जरूरी संबंध होता है और जब दोनों देश एक दूसरे के स्कूलों से, शिक्षा में किए गए उनके प्रयासों से सीखेंगे तो ये सही मायनों में दोनों देशों के बीच के संबंध को मजबूत बनाएगा.

मनीष सिसोदिया ने आगे कहा, शिक्षा के इस आदान-प्रदान में हमने भूटान से भी सीखा है और जब हमने अपने स्कूलों में हैप्पीनेस करिकुलम शुरू करने का सोचा तो हमारी प्रेरणा का स्रोत भूटान भी रहा था. साथ ही भूटान के इंक्लूसिव असेसमेंट सिस्टम से भी हमें बहुत कुछ सीखने को मिलेगा. उन्होंने कहा कि हमें खुशी होगी कि हमने जो सीखा है उसे भूटान के साथ साझा करें और उम्मीद है की इससे दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध स्थापित होंगे.

भूटान में स्वागत

इस दौरान भूटान के डिपार्टमेंट ऑफ करिकुलम एंड प्रोफेशनल डेवलपमेंट के निदेशक वांगपो तेनजिन ने कहा कि दिल्ली के माइंडसेट प्रोग्राम का हम भूटान में स्वागत करते हैं. कोरोना ने हम सभी को अनिश्चितता का सबक सिखाया है. इसे ध्यान रखते हुए उद्यमिता और मानसिकता पाठ्यक्रम हमारे युवाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है. ऐसे करिकुलम हमारे स्टूडेंट्स को स्किल्स, सोच, आइडियाज को बेहतर बनाने में मदद करेंगे ताकि वो खुद को और समाज को सपोर्ट कर सकें.

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