फरीदाबाद: जिस बिल्डिंग में बैठ कर जिला उपायुक्त (डीसी) सरकार की योजनाएं लागू कराते हैं। हर दिन हजारों लोग यहां बने विभिन्न दफ्तरों में काम कराने आते हैं उसी बिल्डिंग में बड़ी लापरवाही बरती जा रही है। ये बिल्डिंग है सेक्टर 12 स्थित जिला मुख्यालय की लघु सचिवालय। इस छह मंजिला इमारत में पुलिस प्रशासन के सभी प्रमुख दफ्तर बने हैं। इन सभी दफ्तरों में लगे फायर सिलेंडर एक्सपायर हो चुके हैं। हैरानी की बात ये है कि दो साल से सिलेंडर की रिफिलिंग नहीं कराई गई। लेकिन किसी अधिकारी का ध्यान इस ओर नहीं गया। खास बात ये है कि इस बारे में कोई अधिकारी मुंह खोलने को तैयार नहीं है।
बता दें जिला मुख्यालय में हर साल डिजास्टर मैनेजमेंट के तहत मॉकड्रिल कराई जाती है। लेकिन कोरोना काल के चलते दो साल से मॉकड्रिल नहीं कराई गई। इस कारण जिला प्रशासन ने बिल्डिंग के सभी छह फ्लोर पर लगे फायर सिलेंडरों की जांच कराना जरूरी नहीं समझा। इस बिल्डिंग में दो दर्जन से अधिक विभाग संचालित होते हैं। इनमें 130 से अधिक फायर सिलेंडर लगे हैं। ये सभी सिलेंडर दो मार्च 2019 को रिफिल कराए गए थे। इन्हें दोबारा एक मार्च 2020 को रिफिल कराया जाना था। लेकिन सिलेंडरों को रिफिल नहीं कराया गया। ऐसे में सवाल ये उठता है कि जिस बिल्डिंग में बैठकर जिम्मेदार अधिकारी आप जनता पर तमाम नियम कानून लागू कराते हैं, वह अपनी ही बिल्डिंग में बरती जा रही लापरवाही क्यों दिखाई नहीं देती। इसका जवाब किसी के पास नहीं है। डीसी जितेंद्र यादव का कहना है कि जल्द सभी सिलेंडरों को रिफिल करा दिया जाएगा।