नई दिल्ली: कांग्रेस ने राहुल गांधी पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हमले को लेकर पलटवार करते हुए मंगलवार को कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी झूठ फैला रही है जबकि राहुल गांधी ने भारतीय लोकतंत्र को मजबूत बनाने की बात की है. मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद को ‘झूठ बोलने’ के लिए माफी मांगनी चाहिए तथा सरकार को चीन एवं पाकिस्तान तथा महंगाई और बेरोजगारी को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रसाद अपने ‘सुप्रीमो’ की तरह बदनाम करने और सरासर झूठ बोलने का काम कर रहे हैं.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘रविशंकर प्रसाद वही कर रहे हैं जो उनके सुप्रीमो करते हैं, यानी विकृत करो, तोड़ो-मरोड़ो, बदनाम करो और सरासर झूठ बोलो.” कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने प्रसाद पर तंज कसते हुए कहा, ‘‘इससे ज्यादा कुछ भी दिलचस्प नहीं हो सकता कि सत्तारूढ़ पार्टी के एक बेरोजगार नेता प्रासंगिकता और रोजगार हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं.” उन्होंने कहा, ‘‘जो लोग विपक्षी नेताओं को तोड़ने-मरोड़ने का काम करते हैं वे अपना खुद का पसंदीदा नारा ‘अबकी बार, ट्रंप सरकार’ भूल गए हैं.”
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘आज मैंने भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद जी का शर्मनाक और गैर ज़िम्मेदाराना बयान सुना, जो उन्होंने राहुल जी के लोकतंत्र पर दिए गए वक्तव्य पर दिया. मैं उनका दर्द, विरोधाभास और खबरों में बने रहने की ललक को समझ सकती हूं, लेकिन वह प्रासंगिकता की लड़ाई लड़ रहे हैं.” उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी जी ने लंदन में भारत के लोकतंत्र को लेकर बेहद अहम बात रखी. उन्होंने कहा कि कमजोर होता लोकतंत्र भारत की आंतरिक समस्या है और इसका समाधान भारत को ही करना है. लेकिन हमेशा की तरह भाजपा ने इसे जानबूझकर गलत तरीके से पेश किया.”
राहुल गांधी के बयान को लेकर झूठ फैला रही है बीजेपी, माफी मांगें रविशंकर प्रसाद: कांग्रेस
नई दिल्ली: कांग्रेस ने राहुल गांधी पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हमले को लेकर पलटवार करते हुए मंगलवार को कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी झूठ फैला रही है जबकि राहुल गांधी ने भारतीय लोकतंत्र को मजबूत बनाने की बात की है. मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद को ‘झूठ बोलने’ के लिए माफी मांगनी चाहिए तथा सरकार को चीन एवं पाकिस्तान तथा महंगाई और बेरोजगारी को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रसाद अपने ‘सुप्रीमो’ की तरह बदनाम करने और सरासर झूठ बोलने का काम कर रहे हैं.
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कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘आज मैंने भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद जी का शर्मनाक और गैर ज़िम्मेदाराना बयान सुना, जो उन्होंने राहुल जी के लोकतंत्र पर दिए गए वक्तव्य पर दिया. मैं उनका दर्द, विरोधाभास और खबरों में बने रहने की ललक को समझ सकती हूं, लेकिन वह प्रासंगिकता की लड़ाई लड़ रहे हैं.” उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी जी ने लंदन में भारत के लोकतंत्र को लेकर बेहद अहम बात रखी. उन्होंने कहा कि कमजोर होता लोकतंत्र भारत की आंतरिक समस्या है और इसका समाधान भारत को ही करना है. लेकिन हमेशा की तरह भाजपा ने इसे जानबूझकर गलत तरीके से पेश किया.”
सुप्रिया ने कहा कि राहुल गांधी जो मुद्दे उठाते हैं, उस पर सरकार को संसद में चर्चा करानी चाहिए ताकि ‘दूध का दूध और पानी का पानी’ हो जाए. उन्होंने कहा कि रविशंकर प्रसाद को झूठ बोलने के लिए माफी मांगनी चाहिए. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि सरकार को चीन और पाकिस्तान तथा महंगाई एवं बेरोजगारी को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए. उल्लेखनीय है कि भाजपा ने विदेशी धरती से भारत में लोकतंत्र की स्थिति और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की आलोचना करने के लिए मंगलवार को राहुल गांधी पर निशाना साधा और कहा कि उसका स्पष्ट विश्वास है कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष पूरी तरह से ‘‘माओवादी विचार प्रक्रिया” और ‘‘अराजक तत्वों” की गिरफ्त में हैं.
पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए राहुल गांधी द्वारा ‘‘ब्रिटिश संसद के मंच का दुरुपयोग” करने पर अपनी पार्टी की अस्वीकृति भी व्यक्त की और कहा कि इसका ‘‘उचित खंडन” करने की जरूरत है. उन्होंने राहुल गांधी पर भारत के लोकतंत्र, यहां की संसद, न्यायिक व राजनीतिक व्यवस्था, सामरिक सुरक्षा के साथ-साथ जनता का भी अपमान करने का आरोप लगाया.
राहुल गांधी ने सोमवार को लंदन स्थित संसद परिसर में ब्रिटिश सांसदों से कहा कि भारत की लोकसभा में विपक्ष के लिए माइक अक्सर ‘‘खामोश” करा दिए जाते हैं. कांग्रेस नेता ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को एक ‘‘ कट्टरपंथी, फासीवादी संगठन” बताते हुए कहा कि उसने देश के संस्थानों पर कब्जा करके भारत में लोकतांत्रिक चुनाव की प्रकृति को बदल दिया है.