अफसरों पर दबाव बनाकर BJP बंद करना चाहती है योगशाला- मनीष सिसोदिया का आरोप

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने आप सरकार के महत्वपूर्ण योग कार्यक्रम ‘दिल्ली की योगशाला’ को लेकर भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) पर निशाना साधा है. सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार ने राजधानी की योगशाला कार्यक्रम शुरू किया था,जिसमें तकरीबन 600 जगहों पर योग कैंप चल रहे थे. 17 हजार लोग ट्रेनर की देखरेख में योग कर रहे थे. इनमें से 11 हजार कोरोना के मरीज थे,दो हजार ज्यादा पीड़ित थे. मुख्यमंत्री इसे और बढ़ाना चाहते थे. लेकिन बीजेपी ने अफसरों पर दबाव बनाकर एक नवंबर से बंद करवाने के लिए साजिश रची.

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया मुख्यमंत्री के पास मैंने एक फाइल भेजी है, मुख्यमंत्री की तरफ से उपराज्यपाल के पास भेजी जा रही है. मुझे उम्मीद है कि उपराज्यपाल फाइल को मंजूरी देंगे, प्रधानमंत्री खुद योग को बढ़ावा देते हैं. उम्मीद है कि उपराज्यपाल फाइल को मंजूरी देंगे और 17 हजार से ज्यादा कैंप चलेंगे. आगे मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में योगशाला हर हाल में चालू रहेंगी, किसी एक अधिकारी पर दबाव बनाकर बंद कराने की कोशिश की गई है. कोई कारण नहीं बताया गया,सिर्फ एक छोटा सा ऑब्जेक्शन लगाते हुए यह कहा कि यूनिवर्सिटी ऐसे कार्यक्रम नहीं चला सकती,जबकि यूनिवर्सिटी ऐसा करती रहीं हैं.

छठ घाटों को लेकर LG द्वारा नसीहत देने पर बोले सिसोदिया
मनीष सिसोदिया ने कहा कि हमने तो छठ घाट पर कुछ बोला ही नहीं मुख्यमंत्री ने तो सिर्फ इतना कहा कि छठ पूजा होगी. छठ पूजा होनी भी चाहिए. नोटों पर भगवान की तस्वीर को चुनावों से पहले का एजेंडा बताने पर सिसोदिया ने कहा कि मुझे हैरानी है कि बीजेपी नोट पर भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की तस्वीर के छपने पर विरोध कर रहे हैं, मुझे समझ नहीं आ रहा है कि बीजेपी सुबह से विरोध क्यों कर रही है. अभी धूमधाम से पूरे देश ने दीपावली मनाई.

अधिकारियों से मांगी सफाई
सिसोदिया के मंगलवार को जारी एक नोट में प्रशिक्षण एवं तकनीकी शिक्षा (टीटीई) निदेशालय के सचिव से सफाई की मांग की है. कहा कि यह सब जानते हुए भी सचिव (टीटीई) दिल्ली की योगशाला को बंद करने की गलत एवं जबरन कोशिश कर रहे हैं और हजारों दिल्लीवासियों के फायदे के लिए योग कक्षाएं चलाने के दिल्ली सरकार के प्रयास को विफल करने की प्लानिंग की जा रही है. उन्होंने अधिकारियों से 24 घंटे के अंदर इस बात पर सफाई देने को कहा है कि जब डीपीएसआरयू अधिनियम की धारा 6(4) विश्वविद्यालय को बाह्य अध्ययन और विस्तार सेवाएं चलाने का अधिकार प्रदान करती है, तो योग कार्यक्रम क्यों बंद की जाए.

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