कांग्रेस पार्टी आरक्षण के मुद्दे को सभी चुनावी जनसभाओं में तेजी से उठा रही है. गुजरात के पाटन में रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा भाजपा के लोग आरक्षण खत्म कर देंगे. लेकिन इस पर बीजेपी बयान देती है कि हम आरक्षण के खिलाफ नहीं हैं. आगे राहुल आरक्षण का मतलब समझाते हुए कहते हैं कि आरक्षण का मतलब है देश में गरीबों, आदिवासियों और पिछड़ों की भागीदारी होना. निजीकरण का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा आरक्षण को खत्म करने का तरीका निजीकरण और अग्निवीर जैसी योजनाएं हैं. इस पर राहुल ने एक ट्वीट भी किया है.
सभा को संबोधित करते हुए राहुल ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक वीडियो ट्वीट किया. इसमें उन्होंने लिखा “आरक्षण का मतलब है – देश में गरीबों, आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों की न्यायपूर्ण भागीदारी और नरेंद्र मोदी निजीकरण को अस्त्र बना कर आपसे ये हक छीन लेना चाहते हैं.” बात करें गुजरात की इस रैली की तो आपको बता दें, राहुल गांधी ने इस जनसभा में किसानों के कर्ज का भी मुद्दा उठाया.
किसानों के कर्ज पर बोलें राहुल
इस सभा में राहुल ने कहा हमने किसानों का कर्जा माफ किया था, अगर आप 25 बार भारत के किसानों को कर्जा माफ करो, मतलब 25 साल के लिए हर साल माफ करो तब कहीं जाकर 16 लाख करोड़ की राशि बनती है. 22 लोगों का इन्होंने (बीजेपी) 16 लाख करोड़ माफ कर दिया. ये 24 साल का MANREGA का पैसा, 25 साल किसानों का जो कर्जा है वो इन्होनें 22 लोगों को दिया है.
गुजरात का चुनावी गणित
यहां के चुनावी गणित की बात करें तो 2022 में गुजरात में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को एक बार फिर यहां से बड़ी जीत मिली थी. इस चुनाव में बीजेपी ने 156 सीटों पर बाजी मारी थी. कांग्रेस ने यहां पर वापसी की कोशिश की थी लेकिन वो फेल रही. कांग्रेस का चुनाव में बेहद खराब प्रदर्शन रहा था. वह 17 सीटों पर ही जीत सकी थी. हालांकि आम आदमी पार्टी को भी 5 सीटों पर जीत मिली थी. लोकसभा चुनाव की बात करें तो 2019 के चुनावों में बीजेपी ने गुजरात में क्लीन स्वीप कर दिया था. नरेंद्र मोदी इस बार भी केंद्र में लगातार तीसरी बार सत्ता में लौटना चाहते हैं और इसके लिए गुजरात से 26-0 वाले प्रदर्शन की कोशिश करेंगे.