आंध्र प्रदेश ने दो बार कांग्रेस को सोनिया गांधी के नेतृत्व में केन्द्र की सरकार बनाने अहम रोल अदा किया, लेकिन तमाम विरोध के बावजूद बतौर यूपीए अध्यक्षा सोनिया ने अलग तेलंगाना बनाने का फैसला किया. फिर भी आंध्र में तो सियासी तौर पर कांग्रेस धरातल में चली गई और तेलंगाना में भी लगातार दो बार केसीआर के हाथों शिकस्त खाकर सत्ता से बाहर ही रही. जिसकी कसक कांग्रेस और सोनिया को सालती रही है.
ऐसे में इस बार पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने तेलंगाना के चुनाव को शायद मां सोनिया के भावनात्मक जुड़ाव के चलते दिल पर ले लिया. मल्लिकार्जुन खरगे के अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हो, राहुल की भारत जोड़ो यात्रा का एक बड़ा वक़्त हो, पांच राज्यों में राहुल का सबसे ज़्यादा प्रचार हो या फिर चुनाव प्रचार से दूरी बना चुकी सोनिया गांधी की इकलौती रैली हो सब तेलंगाना में ही हुआ.
रैली में सोनिया ने भी तेलांगना बनाने का इमोशनल कार्ड चला और सरकार बनने पर कांग्रेस की गारंटियों का ऐलान किया. दरअसल, ये सब राहुल की रणनीति का हिस्सा रहा, वो इस बार तेलंगाना जीत कर कांग्रेस और सोनिया को संतुष्टि देना चाहते हैं कि, तेलंगाना बनाने का सिर्फ क्रेडिट ही नहीं बल्कि सत्ता सुख भी नसीब हो. इस बीच कांग्रेस ने सियासी माहौल बनाते हुए केसीआर और बीजेपी के तमाम नेताओं को कांग्रेस में शामिल कराकर टिकट भी दिया.
सोनिया को उताकरकर कांग्रेस चलेगी तुरुप का इक्का!
ऐसे में अब आखिरी वक्त में तमाम सर्वे तेलंगाना में केसीआर और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर बता रहे हैं इसलिए कोई कोर कसर न छोड़ते हुए कांग्रेस की कोशिश हैदराबाद-सिकंदराबाद से सटे मलकाजगिरी में सोनिया को उताकरकर अपना इमोशनल तुरुप का इक्का चलने की है. हालांकि, ये सोनिया के स्वास्थ्य पर निर्भर करेगा. जिस मल्काजगिरी की तमसा नदी के किनारे संत बाल्मीकि की प्रभु राम के प्रति भावनाएं जागीं और उन्होंने रामायण लिखी. साथ ही मल्काजगिरी से सांसद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रेवन्त रेड्डी हैं, जिससे भीड़ का जुटना और रोड शो सफलता को लेकर संशय भी न रहे.
दोपहर 2 बजे राहुल गांधी का रोड शो
आधिकारिक तौर पर दोपहर दो बजे राहुल गांधी का रोड शो बतौर तेलंगाना में कांग्रेस के प्रचार के समापन के तौर पर रखा गया है, जिसमें स्वस्थ रहने पर शामिल होकर सोनिया एक सियासी सरप्राइज दे सकती हैं वरना फिर उनका वीडियो संदेश जारी किया जाएगा. दरअसल, उम्र के एक पड़ाव के बाद कांग्रेस ने दक्षिण भारत की सियासत में इंदिरा गांधी को इंदिरा अम्मा के तौर पर पेश और प्रचारित-प्रसारित किया था, कुछ उसी तर्ज पर अब 78 साल की सोनिया को दक्षिण भारत मे सोनिया अम्मा के तौर पर पेश और प्रचारित प्रसारित करने की कांग्रेस की तैयारी है.