दुनिया में सोना का दूसरा सबसे बड़ा उपभोगकर्ता देश भारत इसके निर्यात पर बड़ा फैसला ले सकता है। दरअसल, सरकार और सर्राफा बाजार के सूत्रों के हवाले से मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार केंद्र सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाने पर विचार कर रही है।
इस बीच, वैश्विक स्तर पर बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में गिरावट के बीच दिल्ली सर्राफा बाजार में सोमवार को सोने का भाव 40 रुपये की गिरावट के साथ 56,840 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया है। पिछले कारोबारी सत्र में सोना 56,880 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया था। चांदी भी 85 रुपये गिरकर 68,980 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई।
माना जा रहा है कि साेने की स्मगलर करने वालों को झटका देने के लिए सरकार यह फैसला ले सकती है। दरअसल, सोने के आयात पर ज्यादा कर लगने से सोना स्मगल करने वालों के लिए यह मुनाफे का सौदा बना जा रहा है। सोना स्मगल करने वाले बैंकों और एक नंबर सोना कारोबार करने वालों का एक बड़ा हिस्सा उड़ा ले जाने में सफल हो रहे हैं, क्योंकि उन्हें इसपर कोई कर नहीं चुकाना पड़ रहा। ऐसे में सूत्रों के अनुसार सरकार सोने के आयात पर लगने वाली इंपोर्ट ड्यूटी कम करने पर विचार कर रही है।
भारत में पीक डिमांड सीजन से पहले सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी कम होने से देश में इसकी मांग में वृद्धि हो सकती है। ऐसा होने से पिछले कुछ दिनों में वैश्विक स्तर पर कमजोर हो रहे सोने की कीमतों को सहारा मिल सकता है।
अगर सरकार सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाने का फैसला लेती है तो इससे घरेलू गोल्ड रिफाइनरियों की गतिविधि में भी इजाफा होगा। बता दें कि पिछले दो महीनों से घरेलू रिफाइनरियों में कामकाज ठप था क्योंकि वे ग्रे मार्केट ऑपरेटर्स यानी सोना स्मगलरों के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर पा रहे थे।
सरकार से जुड़े सूत्रों की मानें तो सरकार सोने की वर्तमान प्रभावी दरों को 12 प्रतिशत तक घटाना चाहती है। एक सूत्र ने अपने नाम का खुलासा नहीं करने की शर्त पर बताया है कि इस मसौदे पर चर्चा चल रही है। जल्दी ही निर्णय ले लिया जाएगा। सोने पर सरकार की ओर से फिलहाल 18.45% इफेक्टिव ड्यूटी लगती है। इनमें 12.5 प्रतिशत इंपोर्ट ड्यूटी, 2.5% एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर सेस और अन्य टैक्स आते हैं।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के विश्लेषक ने कहा, “दिल्ली सर्राफा बाजार में सोने का हाजिर भाव 40 रुपये की गिरावट के साथ 56,840 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। विदेशी बाजारों में सोना गिरावट के साथ 1,926 डॉलर प्रति औंस रह गया जबकि चांदी 23.88 डॉलर प्रति औंस पर लगभग अपरिवर्तित रही। उन्होंने कहा, “ निवेशकों का फोकस इस सप्ताह पूरी तरह से अमेरिका की चौथी तिमाही के जीडीपी और कोर पीसीई आंकड़ों पर है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (कॉमोडिटीज रिसर्च) नवनीत दमानी ने कहा, “सख्त मौद्रिक नीति के प्रभावों के बीच चौथी तिमाही में वृद्धि दर तीसरी तिमाही से भी सुस्त रहने का अनुमान है।”