दिल्ली. इन दिनों कू ऐप (Koo App) काफी चर्चा में बना हुआ है. क्योंकि Koo ऐप को Twitter का देसी वर्जन कहा जा रहा है. इस ऐप को केंद्रीय मंत्रियों की तरफ से आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत Twitter की टक्कर में प्रमोट किया गया है. लेकिन अब इसमें चाइनीज फंडिंग का कनेक्शन निकलकर सामने आया है. इसके साथ ही यूजर का डेटा लीक होने की भी बात सामने आई है. एक फ्रेंच सिक्योरिटी रिसर्चर के हवाले से ये जानकारी मिली है कि Koo ऐप सेफ नहीं है.
यूजर का डेटा हो रहा लीक
फ्रेंच साइबर सिक्योरिटी रिसर्चर के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, Koo ऐप से यूजर्स के पर्सनल डेटा लीक हो रहे हैं. पर्सनल डेटा में यूजर की ई मेल ID, फोन नंबर्स और डेट ऑफ बर्थ शामिल हैं. दरअसल Robert Baptiste ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर Koo ऐप के चीनी कनेक्शन होने का खुलासा किया. Robert Baptiste के ट्वीटर अकाउंट Elliott Anderson से एक ट्वीट कर बताया कि ये सेफ नहीं है. ट्वीटर पर इसे लेकर एक स्क्रीनशॉट्स भी शेयर किया गया है. बता दें कि फ्रेंच सिक्योरिटी रिसर्चर का नाम Robert Baptiste है और अपने ट्विटर अकाउंट के कारण वह Elliott Anderson के नाम से फेमस हैं.
Koo ऐप में है Shunwei Capital का निवेश
कू ऐप के को फाउंडर और सीईओ अप्रमेय राधाकृष्णा हैं. राधाकृष्णा ने सीएनबीसी टीवी 18 को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि कंपनी में Shunwei का कुछ इन्वेस्टमेंट है. Xiaomi से जुड़ा, Shunwei एक वेंचर कैपिटल फंड है, जो स्टार्टअप्स में इन्वेस्ट करता है. हालांकि, कंपनी अपने आप को पूरी तरह से आत्मनिर्भर ऐप बता रही है और कंपनी का कहना है कि Shunwei जल्द ही कंपनी से बाहर निकल जाएगा और अपनी हिस्सेदारी बेच देगा
कई सरकारी विभाग बन चुके हैं ऐप का हिस्सा
इस हफ्ते की शुरुआत से ही यह ऐप चर्चा में बना हुआ है. ऐप पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, रविशंकर प्रसाद समेत समेत कई अन्य आ चुके हैं. यहां तक की प्लेटफॉर्म पर कई सरकार विभागों के अकाउंट भी मौजूद हैं. इस ऐप में चीनी निवेश भी है, जिसकी जानकारी कंपनी के फाउंडर राधाकृष्ण ने एक इंटरव्यू ने दी है.
7 दिन में 10 गुना बढ़े डाउनलोड्स
रिपोर्ट्स की मानें तो पिछले 7 दिनों में ऐप के डाउनलोड्स की संख्या 10 गुना बढ़ गई है. Koo App को अब तक सभी प्लेटफॉर्म्स पर 30 लाख बार डाउनलोड किया जा चुका है. हालांकि, गूगल प्ले स्टोर पर डाउनलोड्स की संख्या 10 लाख से ज्यादा ही दिख रही है.
कू के सीईओ के हवाले से खबरों में कहा गया है कि इस एप पर 2019 से काम हो रहा था, जिसे मार्च 2020 में लॉंच किया गया, लेनिक उसी वक्त कोविड का प्रकोप शुरू हुआ. लेकिन, अब यह एप कुछ बड़े नामों को अपनी तरफ आकर्षित कर सका है. गोयल और चौहान ने ट्वीट करते हुए कहा कि उनके फॉलोअर उन्हें कू पर जॉइन कर सकते हैं. और कौन कू पर आमद दर्ज करा चुका है, इससे पहले कू के बारे में जानिए.
क्या और कैसा है कू प्लेटफॉर्म
ट्विटर की तरह यह भी एक माइक्रो ब्लॉगिंग साइट है, जो गूगल प्ले स्टोर सहित आईओएस पर भी है. यहां आप अपने ओपिनियन पोस्ट करने के साथ ही दूसरे यूज़रों को फॉलो कर सकते हैं. कू पर पोस्ट की कैरेक्टर लिमिट 400 है. मोबाइल नंबर के ज़रिये इस पर साइन अप किया जा सकता है और फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब आदि की फीड्स को आप लिंक कर सकते हैं.