CBI विवाद: आलोक वर्मा को नहीं मिली राहत, SC ने कहा अभी जाँच की जरूरत है

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में CBI बनाम CBI मामले में डायरेक्टर आलोक वर्मा की याचिका पर सुनवाई हुई. सीबीआई में रिश्वत के आरोपों के बाद छुट्टी पर भेजे गए सीबीआई चीफ आलोक वर्मा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सीवीसी की जांच रिपोर्ट को आलोक वर्मा को सौंपने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जब आलोक वर्मा इस रिपोर्ट पर अपना जवाब देंगे तो इस पर फैसला सुनाया जाएगा. कोर्ट ने आलोक वर्मा को सोमवार तक के लिए समय दिया है. साथ ही चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि ‘अगर सरकार को आपत्ति न हो तो सीवीसी की रिपोर्ट याचिकाकर्ता को सौंपी जा सकती है. याचिकाकर्ता को रिपोर्ट की गोपनीयता बनाए रखनी होगी. सीजेआई ने कहा ‘सीवीसी ने आलोक वर्मा पर जांच के लिए और समय मांगा है. सीवीसी की जांच रिपोर्ट में मिलीजुली बातें हैं. आलोक वर्मा पर जांच की जरूरत लगती है.

पिछली सुनवाई में 26 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने सीवीसी को अलोक वर्मा के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच दो हफ्ते में पूरी कर रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को देने का आदेश दिया था. इस जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज एके पटनायक करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सीबीआई के अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव कोई भी नीतिगत फैसला नहीं लेंगे.

सुप्रीम कोर्ट में 12 नवंबर को केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने अपनी जांच रिपोर्ट दाखिल की थी. सीवीसी ने छुट्टी पर भेजे गए सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के आरोपों पर जांच की है. राकेश अस्थाना ने छुट्टी पर भेजे गए सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा पर रिश्वत लेने के आरोप लगाए हैं. बाद में आलोक वर्मा ने भी राकेश अस्थाना पर मोईन कुरैशी के जुड़े मामले में सतीश सना से घूस लेने के आरोप लगाए थे और उनके खिलाफ केस दर्ज किए थे.

 

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