जयपुर: राजस्थान में बाल विवाह (Rajasthan child marriage Law) से जुड़ा नया कानून पारित होने के बाद से इस पर विवाद बढ़ता ही जा रहा है. विपक्ष का कहना है कि इसके जरिये सरकार बाल विवाह को मान्यता देने का प्रयास कर रही है. इस बिल को पारित कराए जाने के दौरान विधानसभा में भी जबरदस्त हंगामा हुआ था. साथ ही बाल विवाह के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे संगठनों और सामाजिक संस्थाओं ने भी सवाल उठाए थे. राजस्थान में पिछले हफ्ते विधानसभा में बाल विवाह से जुड़ा कानून पारित किया गया है. इसको लेकर सवाल उठने लगे हैं. विपक्ष के अलावा कई संगठनों ने भी इसे पीछे की ओर ले जाने वाला कदम बताया है.
महिला और बाल अधिकार से जु़ड़े संगठनों और सामाजिक समूहों ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( Rajasthan CM Ashok Gehlot) को चिट्ठी लिखी है. उनका कहना है कि राजस्थान का राज्य विवाह संशोधन बिल 2021 (Rajasthan Marriages Amendment Bill 2021) कहता है कि बाल विवाह समेत सभी तरह की शादियों को पंजीकृत कराया जाना अनिवार्य है. नाबालिगों के मामले में कहा गया है कि उनके माता-पिता या अभिभावकों को उनकी शादी पंजीकृत करानी चाहिए.
पिछले हफ्ते जब विधानसभा में यह विधेयक पारित हो रहा था तो भारी हंगामा हुआ था. बाल विवाह और इसकी शिकार लड़कियों के अधिकारों के लिए लड़ रहे संगठनों ने भी इसे प्रतिगामी कदम ठहराया है. उनका कहना है कि नाबालिगों समेत सभी तरह के विवाह का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य बनाने के जरिये राजस्थान सरकार पिछले दरवाजे से बाल विवाह को मान्यता देने का प्रयास कर रही है.