चीन (China) ने अमेरिका (America) को जवाब देते हुए अपने रक्षा और विदेशी कानून (Foreign Law) में कई बदलाव किए हैं. चीन ने आम नागरिकों और कंपनियों के लिए विदेशी अवैध ऐप्स (Unjustified Apps) के इस्तेमाल पर रोक लगा दिया है.
चीन ने अपनी कंपनियों और नागरिकों को अवैध विदेशी कंपनियों के एप्लीकेशन (Apps) इस्तेमाल करने पर रोक लगा दिया है. अमेरिका की ओर से टिकटॉक जैसी कंपनियों को बैन करने के बाद पलटवार करते हुए चीन ने अपने कानून में बदलाव किए हैं.
चीन की वाणिज्य मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान जारी करते हुए कहा कि चीन के विदेशी कानूनों में संसोधन करने से सामान्य व्यापार और अन्य गतिविधियों की रक्षा की जा सकती है. हांगकांग के मशहूर वकील और स्टेप्टो निकोलस टर्नर जो आर्थिक मामलों के माहिर हैं ने कहा यह कि कानून में इस बदलाव से यह देखा जाना चाहिए कि क्या चीन के बाहर की गतिविधियों को पकड़ा जा सकेगा या यह कानून चीन की कंपनियों को ही डिस्करेज करेगा.
एक रिपोर्ट के अनुसार चीन विश्व की सबसे बड़ी सेना पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पी.एल.ए.) रखता है जिसके कुल सैनिकों की संख्या करीब 28 लाख के है. पिछले दिनों चीन ने अपने रक्षा कानूनों में जो संशोधन किए हैं, उस के चलते आज वह मीडिया में चर्चाओं का विषय बना हुआ है. एक रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने चीन के नैशनल डिफैंस लॉ में बदलाव के आदेश पर पिछले दिनों हस्ताक्षर किए हैं.
यह देखा जा रहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने कार्यकाल के अंतिम समय में चीनी कंपनियों के खिलाफ सख्त कदम उठा रहे हैं. ट्रंप के इन फैसलों के बाद विश्व के दो सबसे बड़े आर्थिक ताकतों को आपस में टकराते देखा जा सकता है.
ट्रंप ने बैन किया 59 ऐप्स
ट्रंप ने इस महीने की शुरुआत में चीनी ग्रुप कंपनी के अलीपे (Alipay) और टेनसेंट होल्डिंग्स लिमिटेड के डिजिटल वॉलेट्स जैसे चीनी ऐप के साथ लेनदेन पर प्रतिबंध लगा दिया था. वहीं अपनी विदाई से पहले डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने चीन को एक और झटका दिया था. अमेरिका के वाणिज्य मंत्रालय ने चीन की सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग इंटरनेशनल कॉर्पोरेशन (SMIC) सहित 59 साइंटिफिक और इंडस्ट्रियल कंपनियों को बैन कर दिया है.
टर्नर के अनुसार चीन के पास अब तक एक फ्री मैकेनिज्म नहीं था जो विदेशी प्रतिबंधों के प्रभाव को रोकने के लिए काम कर सके, लेकिन अब संशोधन के बाद चीन प्रतिबन्ध लगा सकता है. वहीं चीनी मंत्रालय ने कहा कि विदेशी नियमों से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए कंपनियां और आम नागरिक अब विदेशी कंपनियों के खिलाफ चीनी अदालतों में मुकदमा कर सकते हैं.