चीन के एक टॉप न्यूक्लियर साइंटिस्ट की गुरुवार को संदिग्ध हालात में एक बिल्डिंग से गिरने से मौत हो गई. साइंटिस्ट झांग झिजीआन हार्बिन इंजिनीयरिंग यूनिवर्सिटी के न्यूक्लियर साइंस एंड टेक्नॉलोजी कॉलेज के प्रोफेसर थे. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार यूनिवर्सिटी के बयान में कहा गया है कि ‘पुलिस ने हत्या की संभावना से इंकार कर दिया है.’ हालांकि पुलिस की जांच में अब तक उनकी मृत्यु को लेकर अन्य कोई जानकारी सामने नहीं आई है.
हार्बिन इंजिनीयरिंग यूनिवर्सिटी द्वारा जारी बयान के अनुसार, “हमें ये जानकारी देते हुए बेहद दुःख हो रहा है कि प्रोफेसर झांग झिजीआन 17 जून की सुबह 9 बजके 34 मिनट पर एक बिल्डिंग से नीचे गिर गए, जिसके चलते उनकी मृत्यु हो गई. हम उनकी इस अकस्मात मृत्यु पर गहरा शोक जताते हैं और इस दुःख की घड़ी में हमारी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ है.”
साइंटिस्ट झांग झिजीआन हार्बिन इंजिनीयरिंग यूनिवर्सिटी के वाइस प्रेसीडेंट भी थे, लेकिन मृत्यु से दो दिन पहले ही यूनिवर्सिटी ने 41 वर्षीय यिन जिंगवि को उनकी जगह वाइस प्रेसीडेंट के पद पर नियुक्त किया था. वो हार्बिन इंजिनीयरिंग यूनिवर्सिटी के न्यूक्लियर साइंस एंड टेक्नॉलोजी कॉलेज के प्रोफेसर होने के साथ साथ चायनीज न्यूक्लियर सोसायटी के वाइस प्रेसीडेंट भी थे. साथ ही वो यूनिवर्सिटी में कम्युनिस्ट पार्टी की स्टैंडिंग कमिटी के सदस्य भी थे.
साल 2019 में उन्हें चाइना नेशनल न्यूक्लियर कॉरपोरेशन की ओर से Qian Sanqiang टेक्नॉलोजी अवार्ड प्रदान किया गया था. चीन में न्यूक्लियर प्रोग्राम के प्रणेता Qian Sanqiang के नाम पर ये सम्मान दिया जाता है. पिछले साल मई में उन्हें सरकार की ओर से ‘नेशनल अवॉर्ड फ़ॉर एक्सिलेंस इन इनोवेशन’ भी दिया गया था.
हार्बिन इंजिनीयरिंग यूनिवर्सिटी की देश की सेना के साथ गहरी साझेदारी है. ये उन दो चायनीज यूनिवर्सिटी में से एक है जिन्हें पिछले साल जून में चीन और अमेरिका के बीच तकनीक को लेकर उपजे विवाद के बाद अमेरिका द्वारा बनाए गए कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने से प्रतिबंधित कर दिया गया था.