लखनऊ: यूपी चुनाव 2022 (UP Election 2022) से करीब एक महीने पहले सत्ताधारी दल बीजेपी में मची नेताओं की भागमभाग खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. मंगलवार को स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के कैबिनेट से इस्तीफे के बाद यह सिलसिला शुरू हुआ. मौर्य को मिलाकर अब तक तीन मंत्री और सात विधायक बीजेपी छोड़ चुके हैं. उत्तर प्रदेश सरकार से इस्तीफा देने वाले धर्म सिंह सैनी (Dharam Singh Saini) ने गुरुवार को दावा किया कि 20 जनवरी तक रोज एक मंत्री और 3 से 4 विधायक त्यागपत्र देंगे. सैनी ने कहा कि वे लोग स्वामी प्रसाद मौर्ये के रास्ते पर चलेंगे.
सैनी ने कहा कि उन्होंने योगी सरकार से इसलिए इस्तीफा दिया क्योंकि “पांच सालों तक दलितों और पिछड़ों को तथा उनकी आवाज को दबाया गया”. उन्होंने कहा, “हम वही करेंगे, जो स्वामी प्रसाद मौर्य कहेंगे. एक मंत्री और 3-4 विधायक 20 जनवरी तक रोज इस्तीफा देंगे.”
फरवरी में शुरू हो रहे उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले 6 विधायकों का पार्टी से और तीन मंत्रियों का योगी सरकार से इस्तीफा बीजेपी के लिए बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है. संकेत मिल रहे हैं ये सभी नेता बीजेपी की मुख्य प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) में शामिल हो सकते हैं.
धर्म सिंह सैनी गुरुवार को योगी आदित्यनाथ कैबिनेट से इस्तीफा देने वाले तीसरे मंत्री बने. सैनी ने भी अपने इस्तीफे की वजह स्वामी प्रसाद मौर्य की तरह ही दलितों, पिछड़ों, किसानों की उपेक्षा बताया है. इससे पहले, बुधवार को दारा सिंह चौहान और मंगलवार को स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस्तीफा सौंपा था. मौर्य ओबीसी समुदाय के प्रभावशाली नेता माने जाते हैं और पिछले विधानसभा चुनाव से पहले वह बहुजन समाज पार्टी (BSP) छोड़कर बीजेपी में आए थे.
गौर करने वाली बात है कि तीन मंत्रियों ने सरकार से इस्तीफा देने के बाद समाजवादी पार्टी के मुखिया और यूपी के पू्र्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात की. समाजवादी पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव के लिए छोटी पार्टियों से गठबंधन करके चुनाव मैदान में उतरेगी.
पिछले तीन दिनों में तीन मंत्रियों और 7 विधायकों ने बीजेपी छोड़ी है. 11 जनवरी को मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, विधायक भगवती सागर, विधायक रोशन लाल वर्मा और विधायक बृजेश प्रजापति, 12 जनवरी को, मंत्री दारा सिंह चौहान और विधायक अवतार सिंह भड़ाना, 13 जनवरी को मंत्री धर्म सिंह सैनी, विधायक विनय शाक्य, विधायक मुकेश वर्मा और विधायक बाला अवस्थी शामिल हैं