अगले वर्ष लोकसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा को चुनौती देने के लिए देशभर के विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने की कोशिशें जारी है। इस बीच, शुक्रवार को जंतर-मंतर पर उत्तर प्रदेश को लेकर विपक्षी एकता का नया समीकरण आकार लेता दिखा।
भीम आर्मी के धरना-प्रदर्शन के मंच से केंद्र व उप्र सरकार पर हमलावर राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने उम्मीद जताते हुए कहा कि दलित नेता चंद्रशेखर जल्द ही संसद के अंदर होंगे। यह विरोध सभा पिछले माह भीम आर्मी तथा आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर पर सहारनपुर में हुए हमले की सीबीआई जांच तथा उन्हें जेड प्लस सुरक्षा देने की मांग को लेकर था, लेकिन मंच पर जिस तरह से रालोद मुखिया के साथ ही सपा के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मोर्य, कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता दीपेंद्र हुडा तथा सीपीआईएम के महासचिव सीताराम येचुरी मंच समेत अन्य नेता चंद्रशेखर के साथ आए, उससे उप्र में नए राजनीतिक समीकरण को हवा मिली।
रालोद सूत्रों के अनुसार, नए गठबंधन में चंद्रशेखर की पार्टी को एक सीट देने पर सहमति बन रही है। वैसे, चंद्रशेखर नगीना की सीट पर जोर दे रहे हैं, फिलहाल सीटों के बंटवारे पर निर्णण गठबंधन के सपा व कांग्रेस पार्टी के नेताओं से चर्चा के बाद तय होगा।विशेष बात कि इस प्रदर्शन में भीम आर्मी की नीली टोपी और पटका के साथ ही सपा व रालोद के कार्यकर्ता अपनी पहचान वाली लाल और हरी टोपी पहन रखी थी।
मंच से नेताओं ने केंद्र व उत्तर प्रदेश की सरकार पर दलितों, पिछड़ों व आदिवासियों के साथ ही मुस्लिम व महिलाओं के शोषण व उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए हमलावर रहे। मणिपुर हिंसा समेत अन्य मामलों को लेकर घेराबंदी की।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि डबल इंजन की भाजपा सरकार आरक्षण खत्म करने पर तुली हुई है। दलितों, आदिवासियों व पिछड़ों की आवाज को दबाने का काम किया गया है। इसी तरह, चंद्रशेखर ने कहा कि यह लड़ाई अन्याय के खिलाफ, संविधान और देश को बचाने को लेकर है। यह लड़ाई अंग्रेजों के खिलाफ जैसी आजादी की लड़ाई जैसी ही है। दीपेंद्र हुडा ने कहा कि चंद्रशेखर पर हुआ कायराना हमला देश के संविधान को बचाने के लिए उठी ज्वलंत आवाज को कुचलने का कुप्रयास था।