नई दिल्ली: रेलवे ने कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर बड़े शहरों से अपने गावों में जाने के लिए प्रवासी मजदूरों की भीड़ की खबरों के बीच अपनी ट्रेन सेवाओं को कोविड से पहले स्तर के 70 फीसदी तक बहाल कर दिया है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, रेलवे ने अगले दो सप्ताह में 133 अतिरिक्त ट्रेनों – 88 समर स्पेशल और 45 फेस्टिवल स्पेशल- ट्रेनों को शुरू करने योजना बनाई है. बुधवार तक, रेलवे ने साप्ताहिक सहित 9,622 विशेष ट्रेनों को मंजूरी दी थी.
रेलवे 5,387 उपनगरीय रेलगाड़ियां (कोविड पूर्व समय की 92 प्रतिशत) चला रहा है, जिसमें मध्य रेलवे क्षेत्र में अधिकतम सेवाएं संचालित होती हैं, जिसके तहत मुंबई और पुणे आते हैं। इस समय 82 फीसदी मेल एक्सप्रेस और 25 फीसदी लोकल ट्रेनें संचालित हैं. गोरखपुर, पटना, दरभंगा, वाराणसी, गुवाहाटी, बरौनी, प्रयागराज, बोकारो, रांची और लखनऊ जैसे उच्च मांग वाले क्षेत्रों में भी अतिरिक्त ट्रेनें चलाई जा रही हैं.
उद्योग जगत अभी कोविड-19 संकट के पहले दौर के झटके से उबरा ही है कि कोरोना की दूसरी लहर ने खतरनार रूप ले लिया है. खासकर उद्योग जगत को इसका सबसे बड़ा नुकसान झेलना पड़ रहा है. कोविड के बढ़ते मामले और लॉकडाउन की आशंका के बीच प्रवासी श्रामिक वापस अपने घरों की तरफ लौट रहे हैं. पिछले दो हफ्तों में बड़ी संख्या में श्रामिकों ने महानगरोंसे गांवों का रुख किया है. इसका कारण कोरोना संकट के बीच ट्रेन जैसे परिवहन के साधनों की उपलब्धता को लेकर आशंका है.