दिल्ली. भारत में कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus) के नए मामलों और ताजा मौतों में पिछले कुछ दिनों से कमी देखने को मिल रही है. इस बीच सरकार की ओर से नियुक्त वैज्ञानिकों की एक कमेटी ने रविवार को देश में कोविड-19 महामारी (Covid 19 in India) को लेकर प्रतिक्रिया दी. कमेटी का अनुमान है कि भारत में अब कोरोना वायरस संक्रमण का पीक गुजर चुका है. हालांकि इसके साथ ही कमेटी ने कहा कि देश में महामारी की दूसरी लहर की आशंका को खारिज नहीं किया जा सकता है और इस कारण फरवरी 2021 में भारत में कोरोना के सक्रिय केस 1.06 करोड़ से अधिक होने की आशंका है. कमेटी का कहना है कि ऐसे में देश में कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ बचाव वाले जरूरी कदम ऐसे ही चालू रहने चाहिए.
कमेटी में शामिल नीति आयोग के सदस्य पॉल ने कहा कि पिछले तीन हफ्ते से देश में भले ही कोरोना वायरस संक्रमण के नए मामलों और इससे होने वाली मौतों में कमी आ रही है. लेकिन सर्दियों के कोरोना की दूसरी लहर से इनकार नहीं किया जा सकता है. सरकार की ओर से गठित वैज्ञानिकों की इस कमेटी का कहना है कि अगर भारत में मार्च में कोरोना के बढ़ते मामलों पर रोक लगाने के लिए लॉकडाउन न लगाया जाता तो देश में अब तक कोविड 19 से होने वाली मौतों का आंकड़ा 25 लाख पार कर जाता. लेकिन लॉकडाउन के कारण फायदा मिला और अब तक देश में 1.14 लाख मौतें हुई हैं. हालांकि सर्दियों में कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर भी चिंता व्यक्त की गई है.
सरकार की ओर से गठित की गई वैज्ञानिकों की इस कमेटी में केंद्र सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार विजय राघवन भी शामिल हैं. इस कमेटी के प्रमुख आईआईटी हैदराबाद के प्रोफेसर एम विद्यासागर हैं. पॉल का कहना है कि हम सर्दी के मौसम में भारत में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर की आशंका से इनकार नहीं कर सकते. एक बार टीका आ जाए, उसके बाद उसे नागरिकों को उपलब्ध कराने के लिए पर्याप्त संसाधन हैं.