दुनियाभर के लोगों ने कोरोना जैसी महामारी को देखा है. पहली, दूसरी, तीसरी और अब चौथी लहर की स्थिति बन रही है. ऐसे में कैसे खुद को बचाएं और क्या करना चाहिए इसपर मेदांता अस्पताल के चेयरमैन डॉक्टर नरेश त्रेहन ने एबीपी न्यूज से पटना में विशेष बातचीत की. पढ़िए कुछ सवाल और उसके जवाब.
कोरोना की चौथी लहर आने वाली है, क्या खौफ है?
देखिए, कोविड जो आया इसका कोई रंग रूप किसी को पता नहीं था. 14 इटालियन जो हिंदुस्तान में डिटेक्ट किए गए पहले वो मेदांता गुरुग्राम में आए. सरकार ने हमारे पास भेजे. वहां से हमारी समझ शुरू हुई कि ये क्या सिंड्रोम है. हिस्ट्री है कि पहली वेव आई उसमें लोगों को क्या तकलीफ हुई, अल्फा के बारे में और दूसरी लहर में डेल्टा जो काफी भयंकर था. तीसरी लहर में ओमिक्रोन आया. इसमें भी हर दिन दो लाख केस आए.
दुनिया में अभी ये कोरोना खत्म नहीं हुआ है. हमें ये अहसास होता है कि कम होता जा रहा है और शायद चला ही जाए पर ऐसा हो नहीं रहा है. ये घूम रहा है. एक देश से दूसरे देश में जा रहा है और फिर वापस आ जाता है. अब अगर जो नई लहर आएगी, जैसा कि नया वैरिएंट भी डिटेक्ट हुआ है तो इससे लगता ये है कि ये वायरस कमजोर होता जा रहा है. ये अभी गया नहीं है और जो आया भी है तो वो इतना भयंकर नहीं होगा.
ये समझने की जरूरत है कि चाहे वैरिएंट भयंकर हो या फिर माइल्ड, कोविड के साइड इफेक्ट्स बहुत हैं. अगर आपकी उम्र ज्यादा है, कैंसर, हाई ब्लड प्रेशर जैसी चीजें अगर हैं तो आपको माइल्ड भी काफी भारी पड़ सकता है. इसलिए हमें हर वक्त ध्यान रखना है कि अपने आप को कैसे सुरक्षित रखें. आज के दिन में सब खुल तो गया है पर ऐसा है कि भीड़ भाड़ वाली जगह में जाएं तो मास्क जरूर पहनें. क्योंकि दो चार लोगों को भी हो तो ये सबको फैल जाएगा.
पोस्ट कोविड या पोस्ट डोज के बाद भी कुछ परेशानियां आईं?
जिनके हेल्थ अच्छे नहीं थे, जो जूझ रहे थे उनको लॉन्ग कोविड होने की संभावना ज्यादा थी. वो सबसे अधिक तकलीफ में आए. किसी को उस समय ये पता नहीं था कि ये हार्ट को भी इफेक्ट करता है. हमने जो स्टडी की है 20 प्रतिशत लोगों को कुछ न कुछ दिक्कत है और कईयों की गंभीर होती है. इसलिए बीमारी के बारे में और बचाव के बारे में हमें पूरी जानकारी रखनी चाहिए.
आप दिल के मरीज को देखते हैं और वर्षों से देख रहे हैं.. बचने के क्या-क्या उपाय हैं?
कई लोगों के किडनी पर असर पड़ता है. कई लोगों को डायलिसिस पर जाना पड़ता है. पोस्ट कोविड में कई लोगों को हाई ब्लड प्रेशर बहुत लोगों को होता है. तो इसलिए एक काम करना जरूरी है कि जिसको कोविड हुआ हो वो फॉलोअप जरूर कराए. जब तक डॉक्टर ये देख ले कि हर चीज से रिकवरी हो गई है या नहीं. बचने के उपाय की बात करें तो बचना मुश्किल है पर रिकवरी आसान है. अगर प्रॉपर फॉलो अप करें.
क्या आपको लगता है कि बिहार में स्वास्थ्य को लेकर जो इंफ्रास्ट्रक्चर है उसमें बहुत कुछ करने की जरूरत है?
हिंदुस्तान में ही हेल्थ स्ट्रक्चर में खामियां हैं. बिहार में अभी हमने शुरुआत की है. छोटे शहरों में भी जाएंगे. दरभंगा में हमने शुरुआत की है. कहीं 100-150 बेड के अस्पताल की जरूरत है. कहीं डायग्नोस्टिक सेंटर की जरूरत है.
क्या आपके अस्पताल में गरीबों को भी सुविधा मिलेगी?
मेदांता की यही कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को सुविधा उपलब्ध हो सके. जितने ज्यादा लोगों को हम ये दे सकेंगे हमें उतनी ज्यादा संतुष्टि मिलेगी. सरकार रेफर कर सकती है उन 30 प्रतिशत लोगों को जो पिछड़े हुए हैं. हमारे यहां उनको भी वही सुविधा मिलेगी जो सबको मिलती है. जयप्रभा मेदांता का सहयोग आम लोगों के हित में है.
आपसे मिलने के क्या क्या तरीके हैं? क्यों दो-दो महीने पर आपका नंबर आता है.
तीन तरीके हैं. आप दिल्ली मेदांता में मिल सकते हैं. या फिर जब वह पटना आएं तो मिल सकते हैं. ओपीडी के जरिए. इसके अलावा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भी मिल सकते हैं.