दिल्ली. कोरोना संक्रमण (Coronavirus Crisis) को लेकर गहराती चिंताओं के बीच एक बार फिर से कच्चे की कीमतों में भारी गिरावट आई है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, दुनियाभर में आर्थिक रिकवरी को लेकर घटती उम्मीदों ने कच्चे तेल की कीमतों पर दबाव बनाया है. साथ ही, कच्चे तेल का उत्पादन और एक्सपोर्ट करने वाले देशों की ओर से लगातार क्रूड की सप्लाई बढ़ाई जा रही है. इसी वजह से सोमवार को ब्रेंट क्रूड 4 फीसदी गिरकर 39.19 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर आ गया. इस भारी गिरावट के बाद कच्चा तेल पानी से भी सस्ता हो गया है.
आपको बता दें कि भारत अपनी जरूरत के 83 फीसदी से अधिक कच्चा तेल आयात करता है और इसके लिए इसे हर साल 100 अरब डॉलर देने पड़ते हैं. कमजोर रुपया भारत का आयात बिल और बढ़ा देता है और सरकार इसकी भरपाई के लिए टैक्स दरें ऊंची रखती है.
कैसे पानी से भी सस्ता हुआ कच्चा तेल- मौजूदा समय में कच्चे तेल के दाम 39 डॉलर प्रति बैरल है. एक बैरल में 159 लीटर होते हैं. इस तरह से देखें तो एक डॉलर की कीमत 74 रुपये है. इस लिहाज से एक बैरल की कीमत 2886 रुपये बैठती है. वहीं, अब एक लीटर में बदलें तो इसकी कीमत 18.15 रुपये के करीब आती है, जबकि देश में बोतलबंद पानी की कीमत 20 रुपये के करीब है.
क्यों गिर रही है कच्चे तेल की कीमतें- कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए दुनिया के ज्यादातर देशों में लॉकडाउन (Lockdown) लगा दिया गया था. इससे करोड़ों-अरबों लोग अपने घरों में बंद दरवाजों के पीछे कैद होने को मजबूर हो गए. वहीं, कारोबारी गतिविधियां (Business Activities) भी ठप हो गईं. नतीजा ये निकला कि पेट्रोल-डीजल की मांग और खपत (Demand & Consumption) तेजी से धड़ाम हो गई.