दिल्ली सरकार ने शुरू की मिशन कुशल कर्मी कार्यक्रम, श्रमिकों को मिलेगी बेहतर जिंदगी, जानिए पूरी डिटेल्स

दिल्ली: दिल्ली के श्रमिकों को बेहतर जिन्दगी देने के लिए दिल्ली स्किल एंड एंत्रप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी, दिल्ली कंस्ट्रक्शन बोर्ड के साथ मिलकर कंस्ट्रक्शन वर्कर्स स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत उनका अपस्किलिंग करेगी. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और श्रम मंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को ‘मिशन कुशल कर्मी’ नाम की इस स्किलिंग प्रोग्राम को लांच किया. इस मौके पर दिल्ली विधानसभा के एजुकेशन स्टैंडिंग कमिटी की चेयरपर्सन और कालका जी से विधायक आतिशी, डीएसईयू की उपकुलपति प्रो.निहारिका वोहरा और कंस्ट्रक्शन बोर्ड के सचिव अरुण कुमार झा उपस्थित रहे.

श्रमिकों-कारीगरों-राजमिस्त्रियों की होगी अपस्किलिंग

श्रम मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली स्किल एंड एंत्रप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी द्वारा सिम्पलेक्स, नरेडको और इंडिया विज़न फाउंडेशन के साथ निर्माण श्रमिको, राजमिस्त्रियों आदि को कुशल कारीगर बनाने के लिए शुरू किया गया ये प्रोग्राम बेहद खास है. इस प्रोग्राम के जरिए 15 -15 दिन के एक विशेष ट्रेनिंग प्रोग्राम के जरिये श्रमिकों के अपस्किलिंग का काम किया जाएगा.

इस कार्यक्रम के तहत एक साल में 2 लाख श्रमिकों को विभिन्न क्षेत्रों में स्किल ट्रेनिंग दी जाएगी. उन्होंने कहा कि इस प्रयास से अपस्किलिंग के साथ श्रमिकों की आय में भी 8000 रूपये तक की बढ़ोतरी होगी. इसके साथ ही निर्माण कंपनियों को अच्छे, स्मार्ट तरीके से काम करने वाले श्रमिक मिलने से उनकी प्रोडक्टिविटी बढ़ेगी, काम भी बेहतर होगा, वेस्टेज कम होगा और भरपूर बचत भी होगी.

ट्रेनिंग पूरा करने के बाद श्रमिकों को मिलेंगे 4200 रुपये

मनीष सिसोदिया ने कहा कि ट्रेनिंग के दौरान श्रमिकों की दिहाड़ी का नुकसान न हो इसके लिए ट्रेनिंग पूरा करने के बाद सभी श्रमिकों को 4200 रूपये भी दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि लोग कुछ सिखाने के लिए ट्रेनिंग देने के लिए फीस लेते है लेकिन अरविंद केजरीवाल सरकार में हम अपने श्रमिक भाई-बहनों को सीखने के लिए पैसे दे रहे है.

मनीष सिसोदिया ने कहा कि आमतौर पर ऐसा होता है कि लोगों को ट्रेनिंग लेने के लिए किसी इंस्टिट्यूट जाना होता है लेकिन देश में ये पहली बार है जब कोई यूनिवर्सिटी वहीं आकर श्रमिकों को प्रशिक्षण देने का काम कर रही है जहाँ श्रमिक काम कर रहे हैं.

दिल्ली विधानसभा के एजुकेशन स्टैंडिंग कमिटी की चेयरपर्सन और कालका जी से विधायक आतिशी ने कहा कि डीएसईयू द्वारा किया गया ये कार्यक्रम बेहद ख़ास है. इस कार्यक्रम के माध्यम से हम उन निर्माण श्रमिकों को ट्रेनिंग देने का काम करेंगे जो हमारे शहरों के निर्माता है.

उन्होंने आगे कहा कि इस कार्यक्रम की मदद से निर्माण श्रमिक अपने कौशल में कुछ और नया जोड़ पाएंगे जो उन्हें आगे बढ़ने में मदद करेगा.  उन्होंने कहा कि ट्रेनिंग के बाद श्रमिकों की आय में भी वृद्धि होगी और वे अपना जीवनस्तर बेहतर कर पाएंगे.

दिल्ली स्किल एंड एंत्रप्रेन्योरशिप अभी 3 जगहों पर ऐसे ट्रेनिंग सेंटर्स चला रही है और आने वाले दिनों में इनकी संख्या में इज़ाफ़ा होगा.  इन सभी सेंटर्स पर श्रमिकों के लिए ट्रेनिंग एरिया भी बनाए गए है.

क्या है ‘मिशन कुशल कर्मी

इस कार्यक्रम का उद्देश्य अगले दो सालों में कंस्ट्रक्शन सेक्टर में उद्योग की मांग को ध्यान में रखते हुए 2 लाख से अधिक रजिस्टर्ड निर्माण श्रमिकों की अपस्किलिंग करनी है.

निर्माण श्रमिकों को 120-घंटे (15 दिन) ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग दी जाएगी.

मिशन कुशल कर्मी से श्रमिकों को क्या लाभ मिलेगा?

प्रशिक्षण के पूरा हो जाने के बाद हर श्रमिक को मिलेगा 4200 रूपये का वेज़ कंपनसेशन 

अपस्किलिंग के बाद श्रमिकों की आय में होगा सुधार, प्रशिक्षण के बाद प्रतिमाह 3000 से 8000 रूपये तक बढ़ेगी आय.

इंडस्ट्री के एक्सपर्ट्स की स्टडी के अनुसार इस प्रशिक्षण से गुजरने के बाद श्रमिकों की उत्पादकता में 40% की होगी वृद्धि, कार्य की गुणवत्ता में 25% की वृद्धि और निर्माण के दौरान सामग्री की बर्बादी  50% तक कम होगी.

श्रमिकों के डोमेन स्किल्स और सॉफ्ट स्किल्स में होगा सुधार, बढ़ेगा आत्मविश्वास.

श्रमिकों में मानक सुरक्षा मानदंडों को लेकर समझ होगी बेहतर.

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