ऐतिहासिक धरोहरों को असली पहचान दिलाने का काम कर रही दिल्ली सरकार, मनीष सिसोदिया ने की समीक्षा

दिल्ली: दिल्ली सरकार (Delhi Government) राज्य में अपने अंतर्गत आने वाली ऐतिहासिक इमारतों (Historic Building) को संरक्षित करते हुए पुनर्जीवित करने का काम कर रही है. इस दिशा में सोमवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Deputy Chief Minister Manish Sisodia) ने दिल्ली पुरातत्व विभाग (Delhi Archaeological Department) के अधिकारियों के साथ विभिन्न ऐतिहासिक इमारतों के संरक्षण (Preservation of Historic Buildings) के लिए किए जा रहे कामों के प्रगति की समीक्षा की. बैठक में स्मारकों की स्थिति की समीक्षा के बाद, यह निर्णय लिया गया कि उपमुख्यमंत्री जल्द ही उनका दौरा करेंगे और ऐतिहासिक स्थलों पर चल रहे संरक्षण कार्यों की समीक्षा करेंगे.

दिल्ली सरकार (Delhi Government) राज्य में अपने अंतर्गत आने वाली ऐतिहासिक इमारतों (Historic Building) को संरक्षित करते हुए पुनर्जीवित करने का काम कर रही है. इस दिशा में सोमवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Deputy Chief Minister Manish Sisodia) ने दिल्ली पुरातत्व विभाग (Delhi Archaeological Department) के अधिकारियों के साथ विभिन्न ऐतिहासिक इमारतों के संरक्षण (Preservation of Historic Buildings) के लिए किए जा रहे कामों के प्रगति की समीक्षा की. बैठक में स्मारकों की स्थिति की समीक्षा के बाद, यह निर्णय लिया गया कि उपमुख्यमंत्री जल्द ही उनका दौरा करेंगे और ऐतिहासिक स्थलों पर चल रहे संरक्षण कार्यों की समीक्षा करेंगे.

इस मौके पर मनीष सिसोदिया ने कहा कि ऐतिहासिक इमारतें हमारी धरोहर हैं और इन्हें संरक्षित करना बेहद जरुरी है. उन्होंने आगे कहा कि लंबे समय तक उपेक्षित रहने के कारण इन्हें काफी नुकसान हुआ है. इसे लेकर दिल्ली सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि बेहद सावधानी के साथ प्रत्येक स्मारक और उससे जुड़े इतिहास के साथ छेड़छाड़ किए बिना जल्द से जल्द उन्हें अपनी असल पहचान दी जाए.

मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में ज़्यादातर ऐतिहासिक इमारतें भारतीय पुरात्विक सर्वेक्षण विभाग के अंतर्गत आती हैं, लेकिन ऐतिहासिक महत्त्व की बहुत सी ऐसी इमारतें भी हैं जो दिल्ली सरकार के अंतर्गत आती हैं. दिल्ली सरकार के अंतर्गत ऐसी कुल 71 इमारतें हैं, जिनके पुनर्विकास का कार्य किया जा रहा है ताकि लोग इन इमारतों के इतिहास से भी परिचित हो सकें और ये स्थान पर्यटन के क्षेत्र के रूप में उभर सकें. सरकार की ओर से यहां पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए समय-समय पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा.

र्जर हो चुकी दारा शिकोह लाइब्रेरी को मिली नई पहचान, कुदेसिया बाग का भी किया गया संरक्षण

कश्मीरी गेट पर अम्बेडकर यूनिवर्सिटी के परिसर में स्थित दारा शिकोह की लाइब्रेरी वर्षों से जर्जर हालत में थी. इस लाइब्रेरी की छत और दीवारें रखरखाव की कमी के कारण जर्जर हो चुकी थी. यमुना नदी से बेहद नजदीक होने के कारण यहां हर समय सीलन की समस्या होती थी. दिल्ली सरकार की ओर से इस ऐतिहासिक महत्त्व के इमारत को प्राथमिकता देते हुए संरक्षित और पुनर्जीवित करने का काम किया गया और जल्द ही यहां संग्रहालय की शुरुआत होने वाली है.

दिल्ली सरकार की ओर से कुदेसिया बाग को संरक्षित करने का काम भी किया गया है. सरकार ने यहां इमारतों के रखरखाव का काम को किया ही है साथ ही यहां मौजूद बाग को भी एक नया स्वरुप दिया है. जिससे यहां बड़ी संख्या में पर्यटक आकर्षित होंगे. दिल्ली सरकार की ओर से कुदेसिया बाग में भी एक संग्रहालय की शुरुआत की जाएगी.

मालचा महल और अज़ीमगंज सराय का भी बदलेगा स्वरुप

दिल्ली सरकार सुंदर नगर स्थित अजीमगंज सराय को भी संरक्षित करने के तहत उसके पुनर्विकास का काम करवा रही है. सराय के पुनर्विकास का कार्य 2 फेज में होना है. वर्तमान में पहले फेज का कार्य पूरा हो चुका है. सरकार एक अन्य ऐतिहासिक महत्त्व के इमारत मालचा महल के पुनर्विकास के कार्य को भी जल्द शुरू करने वाली है.

आजादी के 75वीं वर्षगांठ पर तिरंगे की रौशनी में नहायेंगी ये ऐतिहासिक इमारतें

दिल्ली सरकार (Delhi Government) के अंतर्गत आने वाली दिल्ली (Delhi) की कुछ प्रमुख ऐतिहासिक इमारतें (Historic Building) आजादी के 75वीं वर्षगांठ पर तिरंगे की रौशनी में जगमगायेंगी. सरकार इन जगहों पर 15 अगस्त तक विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी करेगी.

ये इमारतें हैं-

  • बिरजी खान का मकबरा, आर.के.पुरम सेक्टर-3
  • बारादारी, कुदेसिया बाग
  • बारा लाओ का गुम्बद, वसंत उद्यान
  • गोल गुम्बद, लोदी रोड फ्लाईओवर
  • पेक का मकबरा, मुकरबा चौक

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