दिल्ली हाई कोर्ट ने बकरीद पर पशुओं की अवैध हत्या वाली याचिका पर तत्काल आदेश पारित करने से इनकार कर दिया है. जस्टिस सी हरि शंकर की अध्यक्षता वाली वैकेशन पीठ ने बुधवार को याचिकाकर्ता अजय गौतम से कहा कि अब हम जून के आखिरी हफ्ते में इस याचिका की सुनवाई नहीं करेंगे. जस्टिस ने कहा कि इस मामले पर कब सुनवाई करना है, यह हमारे विवेक के ऊपर है. अब 3 जुलाई को रोस्टर बेंच के सामने इस मामले की सुनवाई होगी.
सुनवाई के दौरान अजय गौतम ने वैकेशन पीठ के सामने आवेदन को ट्रांसफर करने की बात की. गौतम ने दावा किया बकरीद के दौरान लगभग 5 लाख गायों की बलि दी जा सकती है और एमसीडी के डिप्टी मेयर ने कहा कि एडवाइजरी का पालन नहीं किया जाएगा. कोर्ट ने कहा कि इस मामले की सुनवाई रोस्टर बेंच तीन जुलाई को करेगी.
ओरल ऑब्जर्वेशन का कोई अर्थ नहीं- जस्टिस
जस्टिस सी हरी शंकर ने कहा कि ओरल ऑब्जर्वेशन का कोई अर्थ नहीं है. हम वैकेशन में इसकी सुनवाई नहीं करेंगे. ऐसा नहीं है कि हम आपके रिक्वेस्ट को नहीं समझे. मामला डिविजन बेंच के सामने पहले लंबित है. इसे रेग्यूलर बेंच के सामने जाने दें. हम इस मामले की सुनवाई पहले वर्किंग डे पर करेंगे. दरअसल, याचिकाकर्ता अजय गौतम ने गौहत्या के खिलाफ लंबित रिट याचिका में एक आवेदन दायर किया और दावा किया कि लगभग 5 लाख गायों की बलि दी जा सकती है.
एडवाइजरी में क्या कहा गया है?
एडवाइजरी में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति मान्यता प्राप्त या लाइसेंस प्राप्त बूचड़खाने को छोड़कर नगरपालिका क्षेत्र के भीतर किसी भी दूसरी जगह पर जानवरों की अवैध हत्या नहीं करेगा. एडवाइजरी में अधिकारियों से बकरीद के मौके पर जानवरों की अवैध हत्या को रोकने के लिए एहतियाती कदम उठाने का अनुरोध किया.