नई दिल्लीः भारतीय रेलवे दिल्ली और हावड़ा और दिल्ली और मुंबई के बीच यात्रा के समय को घटाकर सिर्फ 12 घंटे करने के लिए काम शुरू करने जा रहा है. इसके लिए ट्रेनों की स्पीड अधिकतम 160 किमी प्रति घंटे तक बढ़ाई जाएगी. इस प्रोजेक्ट के लिए कैबिनेट की मंजूरी दो साल पहले दी गई थी और अब ग्राउंड वर्क शुरू किया जा रहा है. दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा रेलवे के सबसे व्यस्त रूट में से हैं.
दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग 1380 किमी लंबा है जबकि दिल्ली और हावड़ा के बीच की दूरी 1490 किमी है. 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार को हकीकत बनाने का सबसे महत्वपूर्ण पहलू पूरे रूट पर फेंसिंग करना है. रेलवे,दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा मार्गों के पूरे स्ट्रेच के लिए ट्रैक के दोनों किनारों पर फेंसिंग करेगा. यह कार्य इस बात को सुनिश्चित करने के लिए किया जा रहा है कि ट्रेन 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने के दौरान कोई ट्रैक क्रॉस न करे.
इस रूट की पटरियों को बदला जाएगा
रेलवे ने सेमी हाई स्पीड ट्रेन चलाने के लिए दिल्ली-हावड़ा रेल लाइन पर गया-डेहरी-गोमोह मार्ग को चुना है. तेज गति वाली ट्रेनों के लिए मौजूदा पटरियों को बेहतर भारी पटरियों से बदल दिया जाएगा. साथ ही मार्ग को एक्सीडेंट फ्री बनाने के लिए लेवल क्रॉसिंग को भी हटाया जाएगा. पटरियों के रिडेवलपमेंट के दौरान ट्रेन के ऊपर बिजली के केबल को भी बदला जाएगा.
टीपीडब्ल्यूएस भी लगाया जाएगा
दोनों मार्गों के लिए रेलवे ट्रेन प्रोटेक्शन वार्निंग सिस्टम (टीपीडब्ल्यूएस) भी इंट्रोड्यूस करेगा, जो हाई-स्पीड या सेमी हाई-स्पीड ट्रेनों के लिए आवश्यक है. निरीक्षण और मरम्मत कार्य के लिए आधुनिक ओटोमैटिक मशीनें लगाई जाएंगी. निगरानी के लिए कैमरे भी लगाए जाएंगे. वहीं, सिग्नलिंग और टेलीकॉम से संबंधित कार्यों के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी का उपयोग किया जा सकता है.
इतनी रकम होगी खर्च
रेलवे इसके लिए 5,500 करोड़ रुपये सिविल वर्क पर खर्च करेगा, जबकि 5,300 करोड़ रुपये बिजली के बुनियादी ढांचे पर खर्च किए जाएंगे. सिग्नलिंग और टेलीकॉम वर्क के लिए 2000 करोड़ रुपये और मैकेनिकल वर्क के लिए 625 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.