नीट अंडर ग्रेजुएट परीक्षा रद्द करने की मांग, छात्र पहुंचे सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्लीः 12 सितंबर को हुई नीट अंडर ग्रेजुएट परीक्षा रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल हुई है. याचिका में बताया गया है कि राष्ट्रीय मेडिकल प्रवेश परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली की बात सामने आई है. सीबीआई के अलावा कई राज्यों की पुलिस ने इस बारे में केस दर्ज किए हैं. याचिकाकर्ताओं ने मांग की है कि परीक्षा का दोबारा आयोजन हो. इस बार ऐसी सुरक्षा व्यवस्था रखी जाए जिससे धांधली न हो सके.

विश्वनाथ कुमार समेत कई नीट परीक्षार्थियों ने वकील ममता शर्मा के ज़रिए यह याचिका दाखिल की है. उन्होंने कहा है कि कोचिंग सेंटर और प्रश्न पत्र हल करने वाले गैंग ने मिल कर बड़े पैमाने पर आपराधिक साजिश रची. कहीं व्हाट्सऐप से प्रश्न पत्र लीक हुए तो कहीं 50 लाख रुपए लेकर छात्र के बदले परीक्षा देते लोग पकड़े गए. पूरे देश मे इस तरह की कई घटनाएं सामने आई हैं. सीबीआई ने मामले में एफआईआर दर्ज की है. इसके अलावा राजस्थान, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र की पुलिस भी केस दर्ज कर जांच में जुटी है.

‘मेहनत से पढ़ाई करने वाले छात्रों के साथ धोखा’

याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि मेहनत से पढ़ाई करने वाले लाखों छात्रों के साथ धोखा हुआ है. कुछ मामले तो सामने आ गए हैं. लेकिन अंदेशा है कि गलत तरीके का इस्तेमाल करने वाले कई लोग अब भी पकड़ में नहीं आए हैं. ऐसे में 12 सितंबर को हुई परीक्षा को रद्द घोषित कर देना ही बेहतर होगा. कोर्ट सीबीआई और राज्यों की पुलिस से जांच की स्टेटस रिपोर्ट मांगे. साथ ही, परीक्षा को नए सिरे से आयोजित कराने का भी निर्देश दे.

याचिका में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी और नेशनल मेडिकल कमीशन को परीक्षा में पर्याप्त सुरक्षा की व्यवस्था का निर्देश देने की भी मांग की गई है. कहा गया है कि छात्रों के बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन, परीक्षा केंद्रों में जैमर के इस्तेमाल जैसे इंतज़ाम से चोरी की घटनाओं में काफी कमी आ सकती है. याचिका मंगलवार को दाखिल हुई है. याचिकाकर्ता के वकील ने उम्मीद जताई है कि यह इस शुक्रवार या फिर अगले हफ्ते सुनवाई के लिए लग सकता है.

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